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औद्योगिक उद्यम ज्ञापन पावती के लिए नए मानदण्ड जारी

औद्योगिक उद्यम ज्ञापन पावती के लिए नए मानदण्ड जारी

नयी दिल्ली, 03 अप्रैल (वार्ता) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की नयी परिभाषा के बाद औद्योगिक उद्यमी ज्ञापन (आईईएम) पावती जारी करने के लिए पात्रता मानदंड को अद्यतन किया है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार अद्यतन दिशानिर्देशों के अनुसार 125 करोड़ से अधिक संयंत्र और मशीनरी/उपकरण में निवेश, या/और 500 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाले उद्यम संशोधित आईईएम पावती के लिए पात्र होंगे।

विज्ञप्ति के अनुसार आईआईएम पहली अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगा।

एमएसएमई द्वारा जारी 21 मार्च 2025 के राजपत्र अधिसूचना एस.ओ. 1364(ई) के अनुसार एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए पात्रता मानदंड को संशोधित किया गया है। एमएसएमई के नए मानदंडों के अंतर्गत इनमें संयंत्र और मशीनरी में निवेश की सीमा पहले के 50 करोड़ से बढ़ा कर 125 करोड़ रुपये और वार्षिक कारोबार की सीमा में मौजूदा 250 करोड़ रुपये से 500 करोड़ रुपये कर दी गयी गयी है।

सरकार ने इस एमएसएमई की नयी परिभाषा में निवेश और कारोबार की अधिकतम सीमा में इस उल्लेखनीय वृद्धि के बाद आईईएम पावती जारी करने के मानदंड भी संशोधित किए गए हैं।

एमएसएमई द्वारा जारी 21 मार्च 2025 के राजपत्र अधिसूचना एस.ओ. 1364(ई) के अनुरूप, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईआई) ने आईईएम पावती के लिए संशोधित पात्रता मानदंड जारी किए हैं।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि सभी हितधारक पात्र उद्यम संशोधित पात्रता मानदंडों के अनुसार जी2बी पोर्टल के माध्यम से आईईएम पावती के लिए आवेदन कर सकते हैं।

उद्योग (विकास और विनियमन) अधिनियम 1 (डी एंड आर), 1951 के तहत औद्योगिक लाइसेंसिंग की आवश्यकताओं से छूट प्राप्त औद्योगिक उपक्रमों को उद्योग स्थापित करने से संबंधित जानकारी दाखिल करने की आवश्यकता होती है जिसे आईईएम (औद्योगिक उद्यमी ज्ञापन) के रूप में जाना जाता है।

इस विभाग द्वारा ऐसी जानकारी प्राप्त होने की पुष्टि को 'आईईएम पावती' के रूप में जाना जाता है।

आईईएम की पावती (एके.), जो लाइसेंसिंग के प्रावधानों को आकर्षित नहीं करने के प्रथम दृष्टया सबूत पर ऑनलाइन जारी की जाती है, इसलिए, आईईएम में परिकल्पित औद्योगिक गतिविधि को चलाने के लिए मंजूरी या अनुमोदन के रूप में नहीं समझा जा सकता है जब तक कि केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा समय-समय पर जारी किए गए क़ानून/विनियम/अधिसूचनाओं आदि के प्रावधानों या न्यायालय/सक्षम प्राधिकारी द्वारा ऐसी गतिविधि के लिए जारी किए गए किसी विशिष्ट निर्देश या स्थगन आदेश का भी पूरी तरह से अनुपालन किया जाता है।

मनोहर,आशा

वार्ता

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