नयी दिल्ली, 03 अप्रैल (वार्ता) दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) द्वारका में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय के समक्ष प्रदर्शन कर गुरुवार को स्कूल प्रशासन के खिलाफ बच्चों को प्रताड़ित करने की शिकायत की ओर उनके शैक्षिक अधिकारों की रक्षा की मांग उठायी।
प्रदर्शन में 100 से अधिक अभिभावक शामिल थे। उनकी शिकायत है कि कोविड-19 महामारी (2020-21 शैक्षणिक वर्ष) के दौरान, डीपीएस सोसाइटी द्वारा संचालित स्कूलों ने सरकारी और न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना करते हुए स्कूल फीस बढ़ा दी थी और बाद में फीस में 15 प्रतिशत फीस छूट दिये जाने के आधिकारियों के आदेश का पालन नहीं किया। उन्होंने शिकायत की है कि स्कूल ने केवल मनमाने ढंग से बढ़ाई गई फीस की मांग की है, बल्कि इसका विरोध करने वाले अभिभावकों के बच्चों को चिह्नित कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
प्रदर्शनकारी अभिभावकों ने कहा है कि स्कूल ने शिक्षा निदेशालय के कई निर्देशों को मानने से इनकार कर दिया जिससे कई छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है, क्योंकि उन्हें स्कूल से बाहर निकालने की धमकी दे रहा है। शिकायत में संबंधित स्कूल में कई बच्चों को उनकी कक्षा के बजाय जबरन पुस्तकालय में बैठा दिया जाता है और वे अपने सहपाठियों से बात तक नहीं कर सकते थे।
अभिभावकों ने एक बयान में कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से भी इसकी शिकायत की है।
अभिभावकों ने शिक्षा निदेशालय से अपनी मांगों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि स्कूल प्रशासन का तुरंत अधिग्रहण – दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम 1973 के तहत छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य सुनिश्चित किया जाए।
उप्रेती, मनोहर
वार्ता