नयी दिल्ली, 03 अप्रैल (वार्ता) दिल्ली के उर्जा मंत्री आशीष सूद ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में बिजली कटौती को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी के बयान को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि वह बिजली कटौती के मुद्दे पर बार-बार झूठ बोलकर जनता को भ्रमित कर रही हैं और लोगों में भय पैदा करने की कोशिश कर रही हैं।
श्री सूद ने आज दिल्ली सचिवालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार बिजली के क्षेत्र में आमूल-चूल सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने श्रीमती आतिशी के बिजली कटौती के आरोपों के मुद्दे पर कहा, "श्रीमती आतिशी की ओर से फैलाए जा रहे भ्रम को लेकर हमारी सरकार कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में विभिन्न विभागों से परामर्श भी किया जा रहा है।"
उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी(आप) की सरकार के शासनकाल में पिछले 10 साल के दौरान 51958 बार पांच घंटे से ज्यादा समय तक राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की कटौती की गयी थी। यानी दिल्ली में औसतन प्रतिदिन 14 बार बिजली कटौती की गयी थी। उन्होंने कहा , " दो दिन पहले विधानसभा में विपक्ष ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखा था। उसके बारे में जब मैं विस्तार से जवाब दे रहा था, तब पूरा विपक्ष सदन से ही गायब था।"
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विश्व में कोई भी बिजली का ऐसा नेटवर्क नहीं है,जिसमें शटडाउन किए बिना बिजली का रख-रखाव किया जा सके। श्रीमती आतिशी, पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और ‘आप’ के सभी नेताओं की झूठ बोलने की प्रथा आखिर कब तक जारी रहेगी।
उन्होंने बताया कि 23 मई 2023 को उर्जा से संबंधित बैठकों में कई सारे तथ्य उजागर हुए थे। दिल्ली सरकार को बिजली कंपनियों ने बताया था कि तीन से चार घंटे तक की बिजली कटौती पिछली सरकार के दौरान भी कई हुई थी।
उन्होंने कहा कि मिनट्स ऑफ मीटिंग में यह भी कहा गया था कि तत्कालीन उर्जा मंत्री ने ग्रीष्मकालीन तैयारियों के संबंध में बिजली कंपनियों से गहन पूछताछ भी की थी और इस संबंध में पूर्व मंत्री ने अपनी गहरी चिंता भी जताई थी। उन्होंने बताया कि 23 जून की बैठक में तत्कालीन उर्जा मंत्री आतिशी ने दिल्ली के बिजली कंपनियों से यह भी जानकारी ली थी कि किन-किन इलाकों में लगातार तीन से चार घंटे बिजली गई थी। दिल्ली की पूर्व उर्जा मंत्री ने फ्रीडम फाइटर कॉलोनी, साकेत, अलकनंदा, आया नगर, बेगमपुर जैसे कई इलाकों में लगातार बिजली कट के संबंध में बीआरपीएल से भी जानकारी मांगी थी।
श्री सूद ने कहा कि श्रीमती आतिशी ने बिजली कंपनियों से उन क्षेत्रों का विवरण मांगा था जहां बिजली कटौती होती है और उसे रोकने के उपाय का विश्लेषण करके साप्ताहिक रिपोर्ट पेश करने को भी कहा था। इसके अलावा पूर्व उर्जा मंत्री ने यह भी जानना चाहा था कि बार-बार बिजली कटौती वाले क्षेत्रों का विवरण सरकार को दिया जाए और इसे हल करने के लिए सारी योजनाओं और समय सीमा भी बताया जाए।
उन्होंने कहा,“ श्री केजरीवाल और श्रीमती आतिशी दिल्ली की जिन बिजली कंपनियों को कहते थे कि हटा देंगे, आज उन्हीं के कसीदे पढ़कर कहते हैं कि हमने इनसे काम करवाया है।”
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि बीएसईएस राजधानी पावर ने पांच घंटे से ज्यादा बिजली काटे जाने के पिछले 10 साल के पूरे आंकड़े के साथ जानकारी दी। टाटा पावर ने बिजली कटौती के बारे में जानकारी दी है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले 10 साल में 51958 बार दिल्ली में पांच घंटे से ज्यादा बार बिजली काटी गई थी। आंकड़ों के मुताबिक साल 2015 में 7160 बार, 2016 में 8659 बार, 2017 में 7301 बार, साल 2018 में 6265 बार, 2019 में 5010 बार, 2020 में 3807 बार, 2021 में 3671 बार, 2022 में 2692 बार, 2023 में 3486 बार और 2024 में 3907 बार बिजली काटी गई है। यानी 10 साल में पांच घंटे से ज्यादा 51958 बार बिजली काटी गई थी।
उन्होंने कहा, "एसएलडीसी ने हमें लिख कर दिया है कि श्रीमती आतिशी ने एसएलडीसी की साइट का आंकड़ा बताकर जो बार-बार लिस्ट पढ़ रही हैं। ऐसा कोई आंकड़ा एसएलडीडी की वेबसाइट पर उपलब्ध ही नहीं है। न ही हमारे सरकार के पास ऐसा कोई डाटा मौजूद है।"
उर्जा मंत्री ने कहा, "हम बिजली कटौती करने से पहले कई माध्यमों के जरिए जनता को सूचित करेंगे और योजनाबद्ध तरीके से यह काम किया जाएगा।" उन्होंने कहा कि बिजली का सबसे ज्यादा संकट 2024 में था । उस समय श्रीमती आतिशी क्या कर रही थी।
संतोष,आशा
वार्ता