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मेकेदातु विवाद में कांग्रेस पहले द्रमुक की मंजूरी ले: कुमारस्वामी

बेंगलुरु, 05 अप्रैल (वार्ता) केंद्रीय मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने शनिवार को कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार से कहा कि वे मेकेदातु परियोजना पर केंद्र सरकार से सवाल पूछने से पहले तमिलनाडु की अपनी राजनीतिक सहयोगी द्रमुक सरकार से सहमति प्राप्त करें।
श्री कुमारस्वामी ने कहा,“श्री डी के शिवकुमार मुझसे पांच मिनट में मेकेदातु परियोजना के लिए केंद्र से मंजूरी दिलाने के अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए कह रहे हैं। लेकिन उससे पहले उन्हें कुछ करना होगा, तमिलनाडु में अपनी सहयोगी द्रमुक सरकार से मंजूरी लेनी होगी। तब वह हमसे बात कर सकते हैं।”
श्री कुमारस्वामी ने यहां कुवेम्पु कलाक्षेत्र में कावेरी नदी संरक्षण समिति द्वारा आयोजित ‘कावेरी नदी जल बंटवारे’ विषय पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मेकेदातु मुद्दे पर कांग्रेस के ‘दोहरे रुख’ की आलोचना करते हुए श्री कुमारस्वामी ने कहा,“एक ओर वे पदयात्रा के दौरान दावा करते हैं कि 'हमारा पानी हमारा अधिकार है', और दूसरी ओर वे उसी परियोजना का विरोध करने वालों के साथ राजनीतिक गठबंधन बनाए हुए हैं।”
उन्होंने कहा कि कर्नाटक को कावेरी जल बंटवारे में अन्याय का सामना करना पड़ रहा है। हम अपने कर के पैसे से बांध बना रहे हैं और तमिलनाडु को पानी छोड़ रहे हैं। असल में, हम कन्नड़ लोग जल वाहक बन गए हैं।
श्री कुमारस्वामी ने एकता की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि “जब कभी संसद में कावेरी पर बहस होती है, तमिलनाडु के सांसद पार्टी की परवाह किए बिना एकजुट हो जाते हैं। हमारे राज्य में हम जाति, राजनीति और व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता के आधार पर खुद को विभाजित करते हैं, यही हमारी सबसे बड़ी कमजोरी है।”
जनतादल-एस नेता ने कहा,“बेंगलुरु में पानी की बढ़ती आवश्यकताओं के कारण मेकेदातु परियोजना महत्वपूर्ण बन चुकी है। वह दिन दूर नहीं जब केआरएस बांध से सारा पानी छोड़ने पर भी बेंगलुरु में पीने के पानी की आवश्यकताएं पूरी नहीं हो पाएंगी। हमने इसी दूरदर्शिता के साथ मेकेदातु परियोजना शुरू की थी।”
मांड्या में अपने अभियान को याद करते हुए श्री कुमारस्वामी ने कहा,“मैंने लोगों से वादा किया था कि मैं पांच मिनट में मेकेदातु के लिए केंद्र की मंजूरी प्राप्त कर लूंगा। मैं अपने शब्दों पर कायम हूं। लेकिन पहले, कांग्रेस को अपने विरोधाभासों को सुलझाना होगा।”
एक पुरानी घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा,“कर्नाटक के एक पूर्व मुख्यमंत्री ने एक बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री कामराज से कहा था कि हम आपको कावेरी का उतना पानी देंगे जितना आप चाहते हैं, बस आप हमारे लिए धान उपजाएं। वह उदारता अब हमें नुकसान पहुंचा रही है।”
उन्होंने ऐसे विचारों का विरोध करने और न्याय के लिए लड़ने का श्रेय अपने पिता पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा को दिया। उन्होंने कहा,“यह उनका संघर्ष ही था जिसके कारण काबिनी, हरंगी और हेमावती जलाशयों का निर्माण हुआ। उन्होंने कृष्णा बेसिन परियोजनाओं में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया और प्रधानमंत्री के रूप में उत्तर कर्नाटक के लिए काम किया।”
श्री कुमारस्वामी ने कहा कि “मेरे पिता ने मुझसे कई बार कहा कि कर्नाटक की सिंचाई के लिए न्याय केवल उनके माध्यम से ही मिलेगा। मुझे भगवान पर अटूट विश्वास है और मुझे विश्वास है कि मेरा सपना सच होगा।”
इस कार्यक्रम में आदिचुंचनगिरी मठ के श्री श्री श्री डॉ निर्मलानंदनाथ महास्वामीजी, श्री सौम्य नाथ स्वामीजी, श्री सिद्धरामेश्वर स्वामीजी और श्री निश्चलानंदनाथ स्वामीजी सहित आध्यात्मिक नेता उपस्थित थे।
इस अवसर पर राज्य में विपक्ष के नेता आर अशोक, उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश वी गोपाल गौड़ा, सांसद डॉ सीएन मंजूनाथ, पूर्व आईएएस अधिकारी टी थिम्मेगौड़ा, पूर्व एमएलसी केए तिप्पेस्वामी, कावेरी नदी संरक्षण समिति के अध्यक्ष एचके रामू और स्थायी सिंचाई संघर्ष समिति के अध्यक्ष आर अंजनेय रेड्डी भी शामिल हुए।
अभय.संजय
वार्ता
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08 Apr 2025 | 10:52 PM

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