राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Apr 3 2025 9:38PM राजद ने अल्पसंख्यकों को हमेशा वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया : अरविंदपटना, 03 अप्रैल (वार्ता) बिहार जनता दल यूनाईटेड (जदयू) प्रवक्ता अरविंद निषाद ने आरोप लगाय कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अल्पसंख्यक समुदाय को हमेशा वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया और कभी भी उनके हित की बात नहीं सोची। श्री निषाद ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के लिए कई क्रांतिकारी फैसले लिए और उनके कल्याण के लिए अनेकों योजनाएं चलायी। इसका उदाहरण है कि साल 2004-05 में जहां अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के लिए सरकार का बजट महज तीन करोड़ 53 लाख हुआ करता था वहीं श्री कुमार की सरकार में साल 2024-25 के वार्षिक बजट में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए 1004 करोड़ 22 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है। जदयू प्रवक्ता ने वक्फ संशोधन विधेयक की चर्चा करते हुए कहा कि श्री कुमार को किसी से धर्मनिरपेक्षता का प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं है। श्री कुमार ने धर्मनिरपेक्ष नेता के तौर पर अपने बीस वर्षों के कार्यकाल में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कई ऐतिहासिक काम किये हैं। देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन के अवसर पर बिहार सरकार ने प्रत्येक वर्ष शिक्षा दिवस कार्यक्रम घोषित किया है। इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की योजना देश के किसी दूसरे तथाकथित धर्मनिरपेक्ष सरकारों ने नहीं सोची। तालीमी मरकज, हुनर और औज़ार जैसे कार्यक्रमों की शुरूआत भी इसी सरकार के द्वारा किया गया। श्री निषाद ने कहा कि श्री कुमार की सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कब्रिस्तान घेराबंदी योजना लागू की और साल 2006 से ही कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम शुरू किया गया। इस योजना के तहत पहले चरण में अबतक कुल आठ हजार 64 कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम पूरा कर लिया गया है। बाद में साल 2021 में 1209 कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम शुरू किया गया है, जो कि जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।प्रेम सूरजवार्ता