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एविएशन सेक्टर में रहेगी नौकरियों की बहार

नयी दिल्ली 06 जुलाई (वार्ता) मझौले तथा छोटे शहरों को नियमित हवाई नेटवर्क के दायरे में लाने तथा अगले पाँच साल में हवाई सफर करने वालों की संख्या मौजूदा आठ करोड़ से बढ़ाकर 30 करोड़ के पार ले जाने की सरकार की योजना से आने वाले समय इस क्षेत्र में नौकरियों की बहार रहेगी। एविएशन क्षेत्र में तकनीकी तथा गैर तकनीकी दोनों क्षेत्रों में पेशेवरों तथा कुशल कर्मचारियों की जरूरत होगी। इसके लिए सरकार तथा एयरलाइंसों ने नयी भर्तियाँ शुरू भी कर दी हैं। इस क्षेत्र में पायलट तथा केबिन क्रू से लेकर एटीसी कर्मचारियों, विमान की मरम्मत तथा देखभाल करने के लिए तकनीकी कर्मचारियों, आईटी कर्मचारियों, कस्टम कर्मचारियों, बैगेज तथा कार्गो हैंडल करने वाले कर्मचारियों, टिकटिंग कर्मचारियों, काउंटर स्टाफों, सुरक्षाकर्मियों सबकी जरूरत होती है। सरकार द्वारा पिछले महीने जारी राष्ट्रीय नागर उड्डयन नीति के अनुसार, वर्ष 2025 तक क्षेत्र में तकरीबन तीन लाख 30 हजार कौशल प्राप्त कर्मचारियों की जरूरत होगी जिनका अपने काम में दक्ष होना जरूरी है। इसमें अधिकतर अवसर निजी कंपनियों के माध्यम से ही पैदा होंगे जबकि निश्चित तौर पर सरकार को भी अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ानी होगी। मसलन, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को भी नई भर्तियाँ करनी होंगी और उसने इस दिशा में प्रयास शुरू भी कर दिये हैं। नीति तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डीजीसीए ने 400 नये एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) कर्मचारियों की भर्ती की है जिन्हें अभी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा उसने 400 और कर्मचारियों की भर्ती की योजना बनाई है। इसके अलावा हर हवाई अड्डे पर एयर सेफ्टी ऑफिसरों, मौसम विशेषज्ञों, संचार विशेषज्ञों आदि भी भर्ती करनी होगी।


सरकार की क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना (आरसीएस) के तहत नये तथा खाली पड़े हवाई अड्डों को विकसित करने की मुहिम से इन हवाई अड्डों पर उच्चतम स्तर से लेकर निचले स्तर तक बड़ी संख्या में कर्मचारियों की जरूरत होगी। इसके अलावा सरकार ने देश को दुनिया का विमान मरम्मत एवं रखरखाव (एमआरओ) हब के रूप में विकसित करने की भी योजना बनाई है। फिलहाल विमानों की मरम्मत का अधिकतर काम विदेशों में ही होता है। सरकार ने नये बनने वाले हर बड़े हवाई अड्डे पर एमआरओ के लिए अलग से जमीन आवंटित करने की भी बात कही है। इससे देश में एयरक्रॉफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरों (एएमई) की माँग में भारी इजाफा होगा। एविएशन में प्रत्यक्ष रोजगार के अलावा परोक्ष रोजगार के अवसर भी बड़ी संख्या में पैदा होंगे। जैसे पेशेवरों तथा कुशल कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण संस्थानों की संख्या बढ़ेगी। हर हवाई अड्डे के आसपास परिवहन बढ़ेगा। हवाई अड्डों पर शोरूम, कैफेटेरिया तथा अन्य दुकानों में लोगों को रोजगार मिलेगा। मझौले तथा छोटे शहरों में ट्रैवेल एजेंसियों की माँग बढ़ेगी तथा पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। अंतर्राष्ट्रीय नागर उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के अनुसार, एविएशन क्षेत्र में खर्च किये गये हर 100 रुपये से अर्थव्यवस्था को 325 रुपये का लाभ होता है तथा इस क्षेत्र में दिये गये हर 100 रोजगार से 610 नये रोजगार पैदा होते हैं। इस लिहाज से देखा जाये तो वर्ष 2025 तक इस क्षेत्र में 3.3 लाख नये रोजगार से देश में रोजगार के 21 लाख और अवसर पैदा होंगे। अजीत/शेखर वार्ता

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