संयुक्त राष्ट्र, 27 सितम्बर (वार्ता) भारत ने दुनिया के सभी देशों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील करते हुए कल कहा कि आतंकवाद काे पालने-पोसने वाले देशों की पहचान करके उन्हें विश्व समुदाय से अलग-थलग किया जाना चाहिए। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में आतंकवाद को मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन करार देते हुए कहा, “सबसे पहले तो हम सबको यह स्वीकारना होगा कि आतंकवाद मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन है, क्योंकि यह निर्दोष लोगों को निशाना बनाता है, बेगुनाहों को मारता है, यह किसी व्यक्ति या देश का ही नहीं, (बल्कि) मानवता का अपराधी है।” उन्होंने पाकिस्तान या किसी अन्य देश का नाम लिये बिना आतंकवादियों को पनाह देने वाले देशों की पहचान करने की भी आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा, “आतंकवादियों का न तो कोई अपना बैंक है, न हथियारों की फैक्ट्रियां, तो कहां से उन्हें धन मिलता है, कौन इन्हें हथियार देता है, कौन इन्हें सहारा देता है, कौन इन्हें संरक्षण देता है? ऐसे ही सवाल इसी मंच से अफगानिस्तान ने भी कुछ दिन पहले उठाए थे।” श्रीमती स्वराज ने कहा कि दुनिया में ऐसे देश हैं जो बोते भी हैं आतंकवाद, उगाते भी हैं आतंकवाद, बेचते हैं आतंकवाद और निर्यात भी करते हैं आतंकवाद। आतंकवादियों को पालना उनका शौक बन गया है। ऐसे शौकीन देशों की पहचान करके उनकी जबावदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें उन देशों को भी चिह्नित करना चाहिए, जहां संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी सरेआम जलसे कर रहे हैं, प्रदर्शन निकालते हैं, जहर उगलते हैं और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। इसके लिए उन आतंकवादियों के साथ वे देश भी दोषी हैं जो उन्हें ऐसा करने देते हैं। ऐसे देशों की विश्व समुदाय में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।” सुरेश शोभना जारी वार्ता