भारतPosted at: Aug 28 2016 6:32PM सरकार ने वित्त वर्ष कैलेंडर में बदलाव पर शुरु किया विमर्श
नयी दिल्ली 28 अगस्त (वार्ता) केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने वित्त वर्ष के कैलेंडर में बदलाव पर फिर राष्ट्रीय विमर्श की शुरुआत की है। केन्द्र और सभी राज्य सरकारें एक अप्रैल से 31 मार्च तक वित्त वर्ष का अनुसरण करते हैं। नये विमर्श का मुद्दा यह है कि क्या केन्द्र और राज्य सरकारों को एक जनवरी से 31 दिसंबर के नये वित्त वर्ष का अनुसरण करना चाहिए । केन्द्र सरकार ने पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ शंकर आचार्य के नेतृत्व में एक समिति गठित की है जो नये वित्त वर्ष की वांछनीयता तथा संभाव्यता की जाँच करेगी। इस समिति में पूर्व कैबिनेट सचिव के.एम.चन्द्रशेखर, तमिलनाडु के पूर्व मुख्य वित्त सचिव पी.वी.राजारमण और सेंटर ऑफ पॉलिसी रिसर्च के वरिष्ठ फेलो डॉ राजीव कुमार को शामिल किया गया है। इस मुद्दे का तीन दशक बाद पुन: मूल्यांकन किया जा रहा है। इससे पहले वर्ष 1985 में एल.के.झा समिति ने इस बारे में मूल्यांकन किया था। हालाँकि तत्कालीन सरकार ने वित्त वर्ष के कैलेंडर में बदलाव के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया था। सुभाष.श्रवण जारी वार्ता