पार्लियामेंटPosted at: Jul 3 2019 6:40PM दंत चिकित्सक संशोधन विधेयक को व्यापक बनाने की मांगनयी दिल्ली, 03 जुलाई (वार्ता) सत्ता पक्ष एवं विपक्ष ने दंत चिकित्सक संशोधन विधेयक 2019 को नये सिरे से लाने और मुंह से जुड़े सभी रोगों के उपचार के प्रावधान के साथ लाने की मांग की। लोकसभा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन द्वारा पेश इस विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि दांतों की चिकित्सा का इतिहास ईसा से सात हजार वर्ष पुराना है। चीन, फ्रांस, इटली, कोरिया में भी दांतों की चिकित्सा को महत्ता प्राप्त रही है। उन्होंने सरकारी डेंटल काॅलेजों की कमी का मामला उठाया और कहा कि इस समय देश में 292 निजी और 40 सरकारी डेंटल कॉलेज हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के 3.58 अरब लोगों को मुंह की कोई न कोई बीमारी है। 90 से 95 प्रतिशत मसूड़ों के रोग से ग्रसित हैं। उन्होंने मुंह के रोगों के उपचार के लिए एक व्यापक विधेयक लाने की मांग की। उन्होंने कहा कि डेंटल चिकित्सा बहुत महंगी है। अगर आयुष्मान भारत योजना नहीं होती तो गरीब आदमी दांतों के रोग के इलाज नहीं करा पाता। बीजू जनता दल की प्रतिमा मंडल ने कहा कि डेंटल कॉलेजों के असमान वितरण का मामला भी उठाया और कहा कि जनता को अच्छी चिकित्सा और डाक्टरों को रोजगार सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होंने एक व्यापक विधेयक लाये जाने की जरूरत पर बल दिया।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सुप्रिया सुले ने कहा कि देश में मुंह के कैंसर की बीमारी भी तेजी से बढ़ रही है। डेंटल केयर के प्रति जागरूकता के अभाव में मुंह के कैंसर का पता देर से चल पाता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस विधेयक से मुंह के कैंसर पर भी रोक लग सकेगी। भाजपा के निहालचंद ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से गांवों में रहने वाले लोगों को दंत चिकित्सा की सुविधा मुहैया हो सकेगी। उन्होंने डेंटल कालेजों और मेडिकल कालेजों में सरकारी एवं ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पढ़े विद्यार्थियों को आरक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने फीजियोथेरेपी, एक्यूप्रेशर, एक्यूपंचर, नैचुरोपैथी आदि को भी चिकित्सा पद्धति को भी समान मान्यता देने की मांग की।चर्चा में बीजद के चंद्रशेखर साहू, तेलुगूदेशम पार्टी के जयदेव गल्ला, वाईएसआर कांग्रेस की गीता विश्वनाथ, भाजपा के डॉ. सुभाष सरकार द्रमुक के पारी वेंथर आदि से भाग लिया।सचिन. जितेन्द्र.श्रवण वार्ता