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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी


सोमवार को होगी इसरो की सबसे लंबी परीक्षा

श्रीहरिकोटा (आँध्र प्रदेश) 25 सितम्बर (वार्ता) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सोमवार को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी35 की लांचिंग के साथ अपने अब तक के सबसे लंबे मिशन को अंजाम देगा।
पीएसएलवी-सी35 का प्रक्षेपण आँध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले प्रक्षेपण स्थल से सोमवार सुबह 9.12 बजे किया जायेगा। इसमें आठ उपग्रहों का प्रक्षेपण एक साथ किया जाना है। इसके लिए 48 घंटे 30 मिनट की उल्टी गिनती शनिवार सुबह 8.42 बजे शुरू हुई थी।
इसरो ने आज बताया कि उल्टी गिनती सुचारू रूप से चल रही है। चौथे चरण के लिए मोनो मिथाइल हाइड्राजीन तथा नाइट्रोजन के मिश्रित ऑक्साइड भरने का काम शनिवार को ही पूरा कर लिया गया था।
यह पूरा मिशन दो घंटे 15 मिनट और लगभग 33 सेकेंड का है। यह इसरो का अब तक का सबसे लंबा मिशन है। इसकी दूसरी खासियत यह है कि इसमें उपग्रहों को अलग-अलग ऊँचाई वाली कक्षाओं में स्थापित किया जायेगा।
यह पीएसएलवी का 37वाँ प्रक्षेपण होगा जबकि एक्सएल मोड में यह इसकी 15वीं उड़ान होगी।
प्रक्षेपण के बाद 16 मिनट 56 सेकेंड में ही पीएसएलवी 730 किलोमीटर की ऊँचाई हासिल कर लेगा और चौथे चरण का इंजन बंद हो जायेगा। 17 मिनट 33 सेकेंड में मुख्य उपग्रह स्कैटसैट-1 प्रक्षेपण यान से अलग हो जायेगा। मिशन के एक घंटे 22 मिनट 58 सेकेंड में चौथे चरण का इंजन दुबारा शुरू किया जायेगा और दो घंटे 11 मिनट 46 सेकेंड में पीएसएलवी नीचे 689.73 किलोमीटर की ऊँचाई पर आ जायेगा। यहाँ से चौथे चरण का इंजन बंद कर डुएल लांच एडेप्टर को प्रक्षेपण यान से अलग कर दिया जायेगा और एक-एक कर अन्य सात उपग्रहों को उनकी कक्षाओं में स्थापित किया जायेगा।
स्कैटसैट-1 को 730 किलोमीटर तथा अन्य उपग्रहों को 680 किलोमीटर की ऊँचाई वाली ध्रुवीय सौर समकालिक कक्षाओं में स्थापित किया जायेगा।
अजीत देवेन्द्र
जारी वार्ता
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