अलीगढ़, 27 अगस्त (वार्ता) आपके आसपास अथवा सगे संबधियों में कोई बेवजह हंसता,मुस्कराता या बुदबुदाता दिखायी पडे तो समझ लेना चाहिये कि वह व्यक्ति मानसिक बीमारी शिजोफ्रेनिया से ग्रसित हो सकता है और उसे तत्काल चिकित्सीय परामर्श की जरूरत है। चिकित्सकों के अनुसार देश में हर सौ में से एक व्यक्ति शिजोफ्रेनिया से पीडित है मगर जानकारी के अभाव में लोग इसका उचित इलाज कराने के बजाय झाडफूंक और तंत्रमंत्र में अपना कीमती समय बरबाद कर देते है और बीमारी जटिल रूप धारण कर लेती है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज में मनोरोग विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर एस0ए0 आजमी ने बताया कि शिजोफ्रेनिया एक मानसिक बीमारी है। जानकारी के अभाव में रोगी को समय रहते उपचार नहीं दे पाना सबसे बडी समस्या है। डा आजमी ने कहा कि इस रोग के कई कारण हो सकते हैं। मस्तिष्क में जैवरासायनिक तत्वों में असन्तुलन, मस्तिष्क की कोशिकाओं के आपस में संदेश भेजने एवं ग्रहण करने में त्रुटि, बचपन में बच्चों के साथ संवाद त्रुटि, पारिवारिक तनाव, चेहरा भावशून्य हो जाना,कभी-कभी मस्तिष्क की कोई चोट भी इस बीमारी की वजह बन सकती है।