श्रीनगर, 04 अप्रैल (वार्ता) हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष एवं कश्मीर के मुख्य मौलवी मीरवाइज उमर फारूक ने शुक्रवार को कहा कि प्रशासन के जामा मस्जिद फोबिया के कारण एक बार फिर उन्हें उनके घर में नजरबंद कर दिया गया है
मीरवाइज ने अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। जम्मू-कश्मीर के सबसे बड़े धार्मिक प्रतिनिधि निकाय मुताहिदा मजलिस-ए-उलेमा (एमएमयू) के प्रमुख ने कहा, “एक और जुमा, एक और नजरबंदी और अधिकारियों का जामा मस्जिद फोबिया जारी है।”
मीरवाइज ने इन प्रतिबंधों को देश भर में व्यापक घटनाक्रमों से जोड़ा, खासकर वक्फ संशोधन विधेयक के पारित होने से, जिसे उन्होंने मुसलमानों को ‘अत्यधिक हाशिये पर डालने वाला’ बताया। उन्होंने कहा, "इस बीच, इस देश में मुसलमानों के लिए हालात तेजी से खराब होते जा रहे हैं, जिसमें सबसे ताजा मामला वक्फ बिल का है, ऐसे में यह दूर की कौड़ी नहीं लगती कि जल्द ही मुसलमानों को मस्जिदों में प्रवेश करने या कब्रिस्तान में दफनाने के लिए अनुमति मांगने को कहा जा सकता है और सत्यापन के बाद परमिट जारी किए जा सकते हैं।”
इस बीच, ग्रैंड मस्जिद अंजुमन औकाफ जामा मस्जिद (एएजेएम) के प्रबंध निकाय ने लगातार दूसरे जुमे को मीरवाइज को घर में नजरबंद किये जाने और उनके शांतिपूर्ण धार्मिक और आधिकारिक दायित्वों प्रतिबंध लगाये जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। एएजेएम ने एक बयान में कहा, “मीरवाइज के प्रति अधिकारियों का अलोकतांत्रिक और शत्रुतापूर्ण रवैया कश्मीर के मुसलमानों को गहरी पीड़ा पहुंचा रहा है।"
यामिनी,आशा
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