राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Apr 4 2025 8:27PM नगर निगम के जीआईएस सर्वे के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका मंजूरफिरोजाबाद 04 अप्रैल (वार्ता) उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद नगर निगम की ओर से जीआईएस सर्वे के आधार पर की जा रही गृह-कर व जल-कर वसूली को लेकर उच्च न्यायालय ने याचिका मंजूर कर ली है। इस मामले पर अब सात मई को सुनवाई होगी।सोशल एक्टिविस्ट व वकील सुरेंद्र कुमार शर्मा ने अपनी याचिका में उच्च न्यायालय के 2012 में श्री शिव सेवक सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार एवं अन्य को आधार मानते हुए जीआईएस सर्वे के आधार पर गृह-कर व जल-कर वसूली पर रोक लगाने की मांग की है। इस मौके पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व सामाजिक कार्यकर्ता सतेन्द्र जैन सौली ने कहा है कि नगर निगम के अधिकारियों ने जनता से गृह-कर और जल-कर की वसूली के लिए सारी हदें पार कर दी हैं।जीआईएस सर्वे के आधार पर मनमाने बिल देकर भवनों को सील किया गया और मकानों पर बकाया लिखवाकर बेइज्जत किया गया। लोगों की घेराबंदी की गई व जनता पर तरह तरह का दबाव डाला गया जिसके कारण बहुत सारे लोग होली का त्योहार तक ठीक से नहीं मना सकेजीआईएस सर्वे के आधार पर टैक्स वसूली को उच्च न्यायालय द्वारा एक अन्य प्रकरण श्री शिव सेवक सिंह का वनाम उत्तर प्रदेश सरकार अन्य 2012 में ही रोका जा चुका था। जिला प्रशासन और नगर आयुक्त सहित सभी अधिकारियों को पहले ही हमने अवगत करा दिया था। फिर भी जीआईएस सर्वे के आधार पर निगम अधिकारियों ने मनमानी करके वसूली की है। यह खुलेआम जान बूझ कर कानून का उल्लंघन हुआ है। अब न्यायालय के निर्णय आने के बाद फिरोजाबाद की जनता को न्याय के लिए अन्य कानूनी पहलुओं पर भी विचार किया जायेगा।सं.संजयवार्ता