नयी दिल्ली, 10 जनवरी (वार्ता) गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल को याद करते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा, “ गलतियां होती हैं, मैं इंसान हूं, भगवान नहीं।”
श्री मोदी ने अपने पहले पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री के रूप में अपने अलग-अलग कार्यकाल के बारे में पूछे जाने पर, जीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामत के साथ एक पॉडकास्ट में, कहा, “ गलतियां होती हैं, मैं इंसान हूं, भगवान नहीं।”
उन्होंने कहा, “ पहले कार्यकाल में, लोग मुझे समझने की कोशिश कर रहे थे और मैं दिल्ली को समझने की कोशिश कर रहा था। दूसरे कार्यकाल में, मैं अतीत के दृष्टिकोण से सोचता था। तीसरे कार्यकाल में, मेरी सोच बदल गयी है, मेरा मनोबल ऊंचा है और मेरे सपने बड़े हो गये हैं।”
प्रधानमंत्री ने आज यह टिप्पणी श्री कामथ की पॉडकास्ट श्रृंखला ‘पीपल बाय डब्ल्यूटीएफ’ में अतिथि के रूप में उपस्थित होने के दौरान की। जब उनसे गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके पुराने भाषणों के बारे में पूछा गया, तो प्रधानमंत्री ने जवाब दिया, “ मैंने कुछ असंवेदनशील तरीके से कहा था। गलतियां होती हैं। मैं इंसान हूं, भगवान नहीं। ”
पॉडकास्ट में श्री मोदी अच्छे लोगों के राजनीति में आने की वकालत की, इस बात पर जोर दिया कि उन्हें महत्वाकांक्षा के साथ नहीं बल्कि एक मिशन के साथ राजनीति में आना चाहिये।
उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका ध्यान सरकारी योजनाओं को शत-प्रतिशत पहुंचना सुनिश्चित करने के लिये समाधान खोजने पर रहेगा। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “ मैं 2047 तक विकसित भारत के लिये सभी समस्याओं का समाधान चाहता हूं...सरकारी योजनाओं की शत-प्रतिशत डिलीवरी होनी चाहिये। यही वास्तविक सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता है। इसके पीछे प्रेरक शक्ति एआई आकांक्षी भारत है। ”
सार्वजनिक जीवन की व्यापक चुनौतियों की चर्चा करते हुये श्री मोदी ने स्वीकार किया कि असहमति हर क्षेत्र में आम है, चाहे वह परिवार हो, कार्यस्थल हो या राजनीति। उन्होंने सार्वजनिक सेवा में संवेदनशीलता के महत्व पर जोर देते हुये कहा कि सहानुभूति के बिना कोई वास्तव में दूसरों के कल्याण के लिये काम नहीं कर सकता।
उप्रेती.श्रवण
वार्ता