नयी दिल्ली 09 जनवरी (वार्ता) केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जंगली उपज अकेला बांस पूर्वोत्तर क्षेत्र के जनता की तस्वीर और तकदीर बदल सकता है।
श्री चौहान ने गुरुवार को मेघालय के शिलांग में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - क्षेत्रीय परिषद- पूर्वोत्तर की स्वर्ण जयंती एवं कृषि प्रदर्शनी कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि क्षेत्र के लोगों को प्राकृतिक खेती योजना का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा, “प्राकृतिक खेती, जैविक खेती नॉर्थ ईस्ट की विशेषता है, नॉर्थ ईस्ट वाले मिलावट नहीं चाहते, शुद्धता चाहते हैं। प्राकृतिक खेती का अधिकतम लाभ कैसे उठाएं, इसका प्रयास करें।”
श्री चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के लिए कोष की व्यवस्था है, लेकिन कोष से ज्यादा संकल्प की जरूरत है। उन्होंने पूर्वोत्तर की प्रमुख उपज बांस का उल्लेख करते हुए कहा , “ये बैम्बू (बांस) गजब की चीज है, हर जगह आज कल बैम्बू का उपयोग हो रहा है। अकेला बैम्बू हमारे नॉर्थ-ईस्ट के किसानों की तस्वीर और उनकी तकदीर को बदल सकता है।” उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर की जन-संपदा, जल-संपदा, वन-संपदा, जैव विविधता एक खजाना है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर खाद्य एवं साग सब्जी का केंद्र बन सकता है। अलग-अलग फल और सब्जियाँ में इस क्षेत्र का अनानास, संतरे, केला और अदरक विशेष है। उन्होंने कहा कि मेघालय पूरे हिंदुस्तान में फल और सब्जी की आपूर्ति कर सकता है। यहाँ फूलों की बहार है।
उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद को हर तीन महीने में एक बैठक अनिवार्य रूप से पूर्वोत्तर में होनी चाहिए। पूर्वोत्तर के काला चावल और लाल चावल की उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए।
सत्या, उप्रेती
वार्ता