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कश्मीर में प्राकृतिक, सांस्कृतिक विरासत की रक्षा को कार्रवाई हो: मीरवाइज

कश्मीर में प्राकृतिक, सांस्कृतिक विरासत की रक्षा को कार्रवाई हो: मीरवाइज

श्रीनगर, 10 जनवरी (वार्ता) ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और कश्मीर के प्रमुख मौलवी मीरवाइज उमर फारूक ने शुक्रवार को सरकार तथा लोगों से कश्मीर की प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करने के लिए सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया।

श्रीनगर में ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में आज एक सभा को संबोधित करते हुए, मीरवाइज ने कहा कि विशेषज्ञों ने खुलासा किया है कि पिछले 60 वर्षों में जम्मू-कश्मीर ने अपने 30 प्रतिशत ग्लेशियर खो दिए हैं और सदी के अंत तक 70 प्रतिशत ग्लेशियर खोने की संभावना व्यक्त की है अगर यह प्रवृत्ति जारी रहती है।

उन्होंने सरकार, नागरिक समाज और सभी लोगों से इन चुनौतियों से निपटने और कश्मीर की प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए जवाबदेही के साथ सामूहिक कार्रवाई करने का आह्वान किया।

मुख्य मौलवी ने कहा कि अगर ऐसा होना जारी रहने दिया गया तो यह विनाशकारी साबित होगा। मीरवाइज ने कहा कि लगातार हो रही अनियमित वर्षा के कारण कश्मीर के झेलम नदी में वर्तमान में अबतक का सबसे कम जल स्तर देखा जा रहा है।

उन्होंने कहा,“अनियंत्रित और अनियोजित शहरीकरण, तेजी से उपभोग की जा रही कृषि भूमि और बगीचे, और आगे तथाकथित विकास की एकतरफा एवं संकीर्ण परिभाषाएं व्याप्त हैं।" उन्होंने कहा "हालांकि विकास आवश्यक है लेकिन यह पर्यावरण और पारिस्थितिकी में व्यवधान की कीमत पर नहीं होनी चाहिए।”

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने इस बात पर बल दिया कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए कश्मीर के प्राकृतिक संसाधनों और सुंदरता की रक्षा के लिए पारिस्थितिक एवं जलवायु संबंधी चिंताओं का समाधान करते हुए संतुलन बनाना बहुत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा,“हमारी विरासत, हमारा पर्यावरण और पारिस्थितिकी सभी आपस में जुड़े हुए हैं और उनकी रक्षा करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि वे सभी हमारी पहचान, हमारी संस्कृति और लोगों के रूप में हमारे भविष्य के अस्तित्व को परिभाषित करते हैं।”

मीरवाइज ने सरकार के पास इसके लिए एक दृष्टिकोण होने और इन महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान करने और क्षेत्र में सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए एक उचित रोडमैप एवं व्यापक योजना के साथ इसका पालन करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने जामा मस्जिद में 2025 इस्लामी सुलेख कैलेंडर का भी अनावरण किया।

अभय.संजय

वार्ता

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