नयी दिल्ली 08 अक्टूबर (वार्ता) प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान ने उम्मीद जतायी है कि वायु सेना देश के हितों की रक्षा करते हुए साहस, प्रतिबद्धता और उत्कृष्टता के मूल्यों को कायम रखकर नई ऊंचाइयों को हासिल करेगी।
जनरल चौहान ने मंगलवार को वायु सेना की 92वीं वर्षगांठ पर सभी वायु योद्धाओं, भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं दी हैं।
उन्होंने कहा, “ 1932 में अपनी स्थापना के बाद से वायु सेना वीरता, उत्कृष्टता और राष्ट्रीय गौरव के उदाहरण के रूप में उभरी है। वायु योद्धाओं ने युद्धों और मानवीय अभियानों में निर्णायक योगदान देकर भारत के आसमान की रक्षा की है। उनकी निस्वार्थ सेवा, सटीकता और बहादुरी विस्मय को प्रेरित करती है, और उनके अटूट समर्पण और अद्वितीय सेवा के प्रमाण के रूप में खड़ी है। आज हम इस विरासत का सम्मान करते हैं और इसे स्वीकार करते हैं।”
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष ने कहा, “हमने राफेल जेट और अपाचे हेलीकॉप्टर जैसे अत्याधुनिक प्लेटफार्मों को शामिल करके अपनी क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। आत्मनिर्भरता पर वायुु सेना के फोकस के कारण हल्के लड़ाकू विमान तेजस और हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड का सफल विकास हुआ है, जो स्वदेशी नवाचार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हमारे वायु योद्धाओं ने मानवीय सहायता और आपदा राहत प्रयासों सहित विभिन्न अभियानों में असाधारण कौशल का प्रदर्शन किया है, जो भारतीय वायुसेना की तत्परता और जवाबदेही को रेखांकित करता है। रखरखाव सहायता प्रणालियों को मजबूत किया गया है, जिससे विमान की इष्टतम सेवाक्षमता सुनिश्चित हुई है और डाउनटाइम में कमी आई है। हमने मित्र राष्ट्रों के साथ संयुक्त अभ्यास और सहयोग में भाग लेकर अपनी अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी को मजबूत किया है। इन संलग्नताओं ने हमारी परिचालन प्रभावशीलता को बढ़ाया है और वैश्विक विमानन समुदाय में सहयोग को बढ़ावा दिया है।”
जनरल चौहान ने कहा कि एक शक्तिशाली तकनीक-संचालित बल के रूप में वायुसेना देश की संप्रभुता और हितों की रक्षा के लिए सतर्क है। यह प्रौद्योगिकी में नवीनतम प्रगति का उपयोग करने, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और हमारे कर्मियों की विशेषज्ञता का पोषण करने के लिए प्रतिबद्ध है।
संजीव
वार्ता