नयी दिल्ली 24 दिसंबर (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस ने हमेशा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है, उनका मजाक उड़ाया है और उन्हें लज्जित किया है और आज वही कांग्रेस उनके नाम पर हक मांगने का ढोंग कर रही है।
श्री गुप्ता ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, "कांग्रेस की सोच हमेशा अंबेडकर विरोधी रही है। कांग्रेस को अपने नेताओं और पंडित नेहरू द्वारा बाबा साहब अंबेडकर के अपमान के लिए पूरे देश से बिना शर्त माफी मांगना चाहिए।"
उन्होंने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सामान्यतया जब भी कोई मंत्री मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देता है, तो सदन में उसे बोलने का मौका दिया जाता है, लेकिन डॉ. अंबेडकर के इस्तीफे के बाद सदन में उन्हें बोलने तक नहीं दिया गया। डॉ. अंबेडकर ने अपने त्याग पत्र में पंडित नेहरू के खिलाफ बहुत कुछ लिखा है। उन्होंने कहा, "बाबा साहब ने अपने इस्तीफे में लिखा था कि “मैं वित्त और उद्योग क्षेत्र में पढ़ा-लिखा था, मगर मुझे उससे जुड़ा एक भी विभाग नहीं दिया गया और एक भी संसदीय कमेटी का हिस्सा नहीं बनाया गया। मुझे कानून मंत्रालय दिया तो गया, मगर ईमानदारी से काम नहीं करने दिया गया। मुझे हिंदू कोड बिल के कार्य को पूरा नहीं करने दिया गया। केवल मुसलमानों की चिंता की गई, लेकिन एससी और एसटी को उचित संरक्षण प्रदान नहीं किया गया। प्रधानमंत्री का सारा ध्यान मुस्लिम समुदाय के प्रति समर्पित रहता है। मुसलमानों को दिए जा रहे संरक्षण से मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन क्या देश में केवल मुसलमानों को ही सुरक्षा की आवश्यकता है?”
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि कांग्रेस ने बाबा साहब के त्याग पत्र को जनसामान्य के बीच में नहीं रखा। कांग्रेस पार्टी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उसने बाबा साहब के त्यागपत्र को जनता के सामने क्यों नहीं आने दिया? शायद अगर यह त्यागपत्र सामने आता, तो पंडित जवाहरलाल नेहरू की पगड़ी उछल जाती।
श्री गुप्ता ने कहा कि पंडित नेहरू श्री अंबेडकर के प्रति पूरी तरह से उपेक्षित रवैया रखते थे। इस भावना का जिक्र करते हुए पंडित नेहरू ने डॉ. बीसी रॉय को लिखे एक पत्र में लिखा था कि ‘भीमराव अंबेडकर के इस्तीफे से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि ऐसी बातें करने वाले और डॉ. अंबेडकर के प्रति उपेक्षाभाव रखने वाले पंडित नेहरू की कांग्रेस पार्टी आज बाबा साहब के अधिकारों की बात किस मुंह से कर रही है, यह समझ से परे है।
भाजपा नेता ने कहा कि जिस कांग्रेस ने डॉ. अंबेडकर को 1952 के लोकसभा चुनाव और 1954 के उपचुनाव में हरवाया, जिस कांग्रेस ने बाबा साहब को देश के कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया, जिस महान सपूत को कांग्रेस पार्टी ने भारत रत्न तक नहीं दिया, जिस कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहब का एक भी स्मारक नहीं बनने दिया, वो कांग्रेस पार्टी आज बाबा साहब के नाम पर संवाददाता सम्मेलन कर रही है, यह कितनी हैरानी की बात है। कांग्रेस को इस पाखंड को अब बंद कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब भी कोई बड़ा नेता जाता है, तो उनकी विरासतों को संजोया जाता है और उनकी स्मृतियाँ बनाई जाती हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहब की एक भी स्मृति बनाने की अनुमति नहीं दी, बल्कि इसके विपरीत बाबा साहब के जन्मस्थान मध्यप्रदेश में उनकी एक स्मृति निर्माण का काम भाजपा के मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के कार्यकाल के दौरान हुआ था, और स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने उसका उद्घाटन किया था। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने दिल्ली स्थित अंबेडकर सेंटर के लिए स्थान की स्वीकृति दी थी, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उसे बनने नहीं दिया। जब केंद्र में नरेद्र मोदी की सरकार आई, तो अंबेडकर सेंटर बनकर तैयार हुआ। इसके अलावा मोदी सरकार ने लंदन में जहां बाबा साहब रहे थे, वहां उनकी एक स्मृति बनाई, दिल्ली में उनके निवास स्थान पर स्मृति स्थापित की, नागपुर की दीक्षा भूमि और मुंबई की चैत्य भूमि में भी स्मृतियाँ बनाई। लेकिन अफसोस की बात है कि कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहब की स्मृतियाँ बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए, केवल अड़चनें ही डालीं, जबकि देशभर में नेहरू, इंदिरा गांधी, संजय गांधी और राजीव गांधी के नाम पर सैकड़ों स्मारक, अस्पताल और सड़कों के नाम रख दिए गए।
संतोष
वार्ता