नयी दिल्ली 30 नवंबर (वार्ता) कांग्रेस पार्टी के नेताओं की ओर से धार्मिक स्थलों पर सर्वेक्षण करने के लिए दायर याचिकाओं पर विचार करने से देश भर की अदालतों को रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिकाएं दायर की गई हैं।
कांग्रेस पार्टी के नेता आलोक शर्मा और प्रिया मिश्रा की ओर से ये याचिकाएं दायर की गई हैं। इन याचिकाओं में राज्यों को पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के प्रावधानों का अनुपालन करने के निर्देश जारी करने का शीर्ष अदालत से गुहार लगाई है।
शीर्ष अदालत के समक्ष याचिकाकर्ताओं ने राज्यों को यह निर्देश देने को कहा है कि वे 1991 अधिनियम के उल्लंघन में धार्मिक संरचनाओं या मस्जिदों का सर्वेक्षण करने के लिए न्यायालयों के किसी भी आदेश का पालन न करें।
याचिकाकर्ताओं ने मथुरा, वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद, अजमेर शरीफ, मध्य प्रदेश में धार और उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिदों और धर्मस्थलों का सर्वेक्षण करने के लिए जारी आदेशों की वैधता पर सवाल उठाए हैं।
उल्लेखनीय है कि वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने 13 अक्टूबर 2023 को कहा था कि वहां पूजा करने के अधिकार के लिए दायर किया गया मुकदमा पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के तहत प्रतिबंधित है या नहीं, यह 15 अगस्त, 1947 को ढांचे की प्रकृति और स्थिति पर निर्भर करेगा जोकि कानून के तहत निर्धारित कट ऑफ तिथि है।
शीर्ष अदालत ने 11 जुलाई 2023 को 1991 अधिनियम की वैधता पर सवाल उठाने वाली याचिका पर कहा था कि वह धार्मिक स्थलों से संबंधित विभिन्न अदालतों के समक्ष कार्यवाही पर पूरी तरह रोक नहीं लगा सकता।
शीर्ष अदालत ने तब केंद्र सरकार को पूजा स्थल अधिनियम, 1991 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए और समय दिया था।
बीरेंद्र , जांगिड़
वार्ता