नयी दिल्ली 31 दिसंबर (वार्ता) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देशवासियों को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए नागरिक कर्तव्यों, आत्मनिर्भरता और सामाजिक समरसता के प्रति अपनी प्रतिज्ञा पुनः दोहराने और भारत के अद्वितीय मूल्यों के साथ एक स्थायी भविष्य के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया है।
उपराष्ट्रपति सचिवालय ने नव वर्ष की पूर्व संध्या पर मंगलवार को यहां जारी एक संदेश में बताया कि श्री धनखड़ ने देशवासियों को नववर्ष की शुभकामनाएं दी है।
श्री धनखड़ ने कहा,“सभी नागरिकों को वर्ष 2025 , हमारे गणराज्य की यात्रा के एक ऐतिहासिक मोड़ के आगमन पर हार्दिक शुभकामनाएँ ।” उन्होंने कहा कि
यह वर्ष हमारे संविधान के शताब्दी वर्ष के अंतिम चरण में प्रवेश का प्रतीक है। यह हमारे लोकतंत्र की संवैधानिक मूल्यों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता और एक वैश्विक आर्थिक केंद्र के रूप में उभरने का प्रमाण है।
उपराष्ट्रपति ने कहा,“आइए, हम संविधान निर्माताओं की दृष्टि को साकार करने के लिए स्वयं को पुनः समर्पित करें और वर्ष 2047 तक 'विकसित भारत' के लक्ष्य की ओर अग्रसर हों। नए वर्ष की शुरुआत करते हुए, हम अपने नागरिक कर्तव्यों, आत्मनिर्भरता और सामाजिक समरसता के प्रति अपनी प्रतिज्ञा को नवीनीकृत करें और भारत के अद्वितीय मूल्यों को प्रतिबिंबित करते हुए एक स्थायी भविष्य के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हों।”
श्री धनखड़ ने कहा,“आइए, हम दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ें, लोकतांत्रिक मूल्यों का पोषण करें और 'राष्ट्र प्रथम' के सिद्धांत को सर्वोपरि रखें। नव वर्ष सभी के लिए मंगलमय और उद्देश्यपूर्ण हो।”
सत्या.संजय
वार्ता