नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (वार्ता) पीएम गति शक्ति पहल के तहत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में राजमार्गों के विकास एवं उन्नयन से संबंधित दो परियोजनाओं के साथ सड़क और रेलमार्ग विकास की कुल सात परियोजनाओं का संबंधित विभागों के पूर्ण समन्वय के सिद्धांत के आधार पर मूल्यांकन का काम पूरा कर लिया है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार एनपीजी की 82वीं बैठक में मूल्यांकन की इस प्रक्रिया में मल्टीमेडल परिवहन प्रणालियों की अवसंरचना का एकीकृत विकास, आर्थिक और सामाजिक सहमति के लिए अंतिम-मील कनेक्टिविटी, इंटरमॉडल कनेक्टिविटी और समन्वित परियोजना कार्यान्वयन की योजना शामिल है।
इन परियोजनाओं में उत्तर प्रदेश में 144 किलोमीटर दूरी को जोड़ने वाली प्रयागराज, जौनपुर, आजमगढ़, दोहरीघाट और गोरखपुर राजमार्ग परियोजना है।इसके तहत कुछ खंड नया होगा और कुछ वर्तमान में स्थिति खंडों का विकास और एकीकरण किया जाएगा।
इसी राज्य में गाजीपुर-सैयद राजा के बीच 41.53 किलोमीटर की एक नयी सड़क की योजना है। इसे इस तरह से तैयार किया गया है कि इससे कॉरिडोर गाजीपुर को पूर्वी मालगाड़ी गलियारे (डीएफसीसीआईएल), पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन और गाजीपुर सिटी जैसे स्थानीय रेलवे स्टेशन और वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डे से सम्पर्क अधिक सुविधाजनक हो। यह परियोजना एनएच-19 के माध्यम से वाराणसी अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनल एक वैकल्पिक कार्गो मार्ग प्रदान करेगी।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अपर सचिव राजीव सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में 24 अक्टूबर हुई इस बैठक में रेल मार्ग विकास की पांच परियोजनाओं की भी समीक्षा की गयी जिसमें ओडिशा में झारसुगुड़ा से सासोन के बीच 64 किलोमीटर के खंड में तीसरी और चौथी लाइन रेल लाइन के विकास की परियोजना, संबलपुर से जरापाड़ा के बीच 127.2 किलोमीटर की दूरी में तीसरी और चौथी रेल लाइन की परियोजना,
तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के बीच 104.39 किमी के कुल लंबाई के साथ तिरुपति-कटपडी दोहरी रेल लाइन परियोजना शामिल है।
झारखंड राज्य में कोडरमा-अरिगाड़ा रेल लाइन और शिवपुर-कठौतिया रेल लाइन- इन दो रेल लाइनों के दोहरीकरण की परियोजना शामिल है। इनकी लंबाई लगभग 133.38 किमी और 49.08 किमी तक फैली है। ये दोनों परियोजनाएं प्रमुख कोयला-परिवहन क्षेत्रों में माल ढुलाई क्षमता बढ़ाने पर केंद्रित हैं।
मंत्रालय ने कहा है कि इन परियेाजनाओं का निर्माण पूरा होने पर, ये परियोजनाएं भारत के आधारभूत संरचना के परिदृश्य में महत्वपूर्ण योगदान देंगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि निर्बाध कनेक्टिविटी के लाभ हर क्षेत्र तक पहुंचें।
मनोहर, उप्रेती
वार्ता