नयी दिल्ली, 16 जनवरी (वार्ता) विकासशील और पिछड़े देशों के बीच सहयोग को आगे बढ़ाने की पहल के अंतर्गत भारत और तंजानिया ने युवाओं के सशक्तिकरण और कौशल विकास के लिये परस्पर सहयोग की योजना पर सहमति जताई है।
भारत यात्रा पर आये तंजानियां के एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल की भारत यात्रा के दौरान यह सहमति बनी है। गुरुवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने तंजानिया के शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के स्थाई सचिव मिस कैरोलिन नोम्बो के नेतृत्व में आये वहां के एक प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया।
तंजानियाई प्रतिनिधिमंडल का व्यावसायिक प्रशिक्षण पर राष्ट्रीय परिषद (एनसीवीईटी), प्रशिक्षण महानिदेशालय
(डीजीटी) और केरल का दौरा करेगा। श्री तिवारी ने कहा कि भारत में विभिन्न संस्थानों के भ्रमण से प्रतिनिधिमंडल देश
में कौशल विकास के पारिस्थितिकी तंत्र की बहुमूल्य जानकारी मिल सकती है।
उन्होंने कहा, “ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ग्लोबल साउथ (विकासशील-पिछड़े देशों के समूह) के बीच सहयोग के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, हम अपने युवाओं के लिये एक ऐसे भविष्य के निर्माण में तंजानिया को सहयोग देने के लिये प्रतिबद्ध हैं। ”
श्री तिवारी ने तंजानिया की राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन को 2023 में एक शीर्ष भारतीय विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट की उपाधि दिये जाने का उल्लेख करते हुये कहा कि राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन की मानद डॉक्टरेट प्राप्त करने वाली पहली महिला के रूप में ऐतिहासिक उपलब्धि पर विचार करना वास्तव में प्रेरणादायक था।
तंजानियाई प्रतिनिधिमंडल भारत के प्रमुख प्रशिक्षण एवं कौशल संस्थानों जैसे कि राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (एनएसटीआई), नोएडा और पूसा रोड स्थित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का भी दौरा करेगा।
श्री तिवारी ने कहा कि भारत दुनिया की कौशल की राजधानी बनने की राह पर है क्योंकि इसने पीएम विश्वकर्मा योजना जैसी विभिन्न पहलों के तहत अपने लाखों युवाओं को सशक्त बनाने के प्रयासों को आगे बढ़ाया है, जिसके तहत कम से कम 2.5 करोड़ पंजीकरण किये गये हैं और 15 लाख से अधिक लाभार्थियों को लाभ मिला है।
तंजानियाई प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के दौरान कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की संयुक्त सचिव सोनल मिश्रा
ने मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का चित्रण प्रस्तुत किया। कई तंजानियाई छात्र भारत सरकार के वजीफों या स्ववित्त पोषण योजनाओं, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) और इंडियन टेक्निकल इकोनोमिक कॉपरेशन (आईटीईसी) कार्यक्रम के तहत छात्रवृत्तियों पर भारत में अध्ययन कर रहे हैं।
श्रवण.मनोहर
वार्ता