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तुष्टीकरण की जगह हमने संतुष्टीकरण नीति बनाई: मोदी

तुष्टीकरण की जगह हमने संतुष्टीकरण नीति बनाई: मोदी

नयी दिल्ली, 04 फरवरी (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पहले तुष्टीकरण की नीति अपनाकर कुछ लोगों को फायदा पहुंचाया जाता था, लेकिन हमने संतुष्टीकरण की नीति अपनायी जिससे बिना भेदभाव के जिसका जो हक है उसे वह मिल रहा है।

श्री मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर दो दिन चली चर्चा का जवाब देते हुए आज कहा कि पिछले दस साल में हर सप्ताह एक नया विश्वविद्यालय बना, हर दो दिन में एक नया काॅलेज खुला है। हम हर योजना के पीछे लगे हैं ताकि शत-प्रतिशत लागू हो ताकि जिसका जो हक है उसे मिले। कुछ लोगों ने माॅडल ही ऐसा बनाया कि कुछ लोगों को दो और तुष्टीकरण करो, लेकिन हमने संतुष्टीकरण की नीति बनाई। इसमें बिना भेदभाव के जिसका जो हक है वह मिल रहा है यही सामाजिक न्याय है और संविधान का सम्मान है।

उन्होंने कहा कि संविधान की भावना है कि सबको बेहतर स्वास्थ्य मिले, स्वास्थ्य को लेकर दुनिया में चर्चा भी हो रही है। कुछ लोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में अडंगा डाल रहे। कुछ राजनीतिक दलों ने गरीबों के लिए अस्पताल के दरवाजे बंद कर रखे हैं इसका नुकसान कैंसर के मरीजों को उठाना पड़ रहा है। इस बजट में भी हमने कैंसर की दवाईयों को सस्ता करने का प्रावधान है। दो सौ डे केयर सेंटर बनाने का निर्णय लिया गया है जिसका मरीज के साथ साथ उनकी देखभाल करने वाले को भी लाभ मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि विदेश नीति पर न बोलें तो बात पूरी नहीं होती है चाहे देश का नुकसान ही क्यों न हो जाए। अगर कुछ लोगों को विदेश नीति में समझ बनानी है तो उसे 'जेकेएफ्स फोरगोटन क्राइसिस' किताब पढ़नी चाहिए। इस किताब में महत्पू्र्ण घटनाओं का जिक्र है। इसमें देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति का बातचीत का विवरण है। जब देश चुनौतियों का सामना कर रहा था, तब विदेशी नीति में क्या खेल चल रहा था इसे पढ़ने के बाद समझ में आयेगा।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद उनका सम्मान न कर सके, लेकिन क्या-क्या कहकर अपमानित किया जा रहा है। आज भारत इस प्रकार की विकृत मानसिकता को छोड़कर ‘महिला लेड विकास’ को लेकर आगे बढ़ रहा है। पिछले दस साल में सेल्फ हेल्प ग्रुप में दस करोड महिलाएं जुडी है जो ग्रामीण महिलाएं। इससे महिलाओं का सामाजिक स्तर ऊंचा हुआ है। इसका ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। हमारी तीसरी बार सरकार बनने के बाद 50 लाख से ज्यादा लखपति दीदी की जानकारी पहुंची है। अब तक सवा करोड़ लखपति दीदी बनी है और हमारा तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है।

श्री मोदी ने कहा कि नमो ड्रोन दीदी योजना से लाखों रुपये महिलाएं कमा रही है। चार करोड़ गरीबों को जो घर मिला है उसमें 75 प्रतिशत घर की मालकिन महिला है। ग्रामीण अर्थव्यस्था को सशक्त किये बिना विकसित भारत का लक्ष्य हासिल नहीं कर सकते है इसलिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढाने का काम किया है। खेती के बजट में दस गुणा वृद्धि की गई है। आज जो लोग यहां किसान की बात करते हैं वर्ष 2014 से पहले किसानों को यूरिया मांगने पर लाठी पडती थी। एक जमाना था यूरिया किसानों के नाम पर निकलता था और कहीं चला जाता है। आज सरकार को जो यूरिया का बोरा तीन हजार में पड़ता है उसे किसान को तीन सौ रुपये से भी कम में देते हैं। हमने रिकार्ड एमएसपी भी बढ़ाया और तीन गुणा अधिक खरीदी की है। सिंचाई के लिए बीते दशक में अभूतपूर्व कदम उठाये गये है। उन्होंने कहा कि सौ से अधिक सिचाई योजना जो दशकों से लंबित था उसे पूरा किया गया।

उन्होंने कहा कि हम हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हमारी काफी दुनिया के बाजारों में धूम मचा रही है। हमारी हल्दी की भी मांग बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि बिहार का मखाना दुनिया में पहुंचने वाला है। विकसित भारत के लिए फ्यूचर रेडी शहर भी बहुत जरूरी है। दिल्ली उत्तर प्रदेश को जोडने वाली नमो मेट्रो रेल जैसी सुविधा सभी शहरों में हो ऐसा मेरा सपना है। भारत का मेट्रो नेटवर्क एक हजार किलोमीटर पार कर गया है।

उन्होंने कहा कि प्रदूषण को कम करने के लिए कई काम किये गये है। बारह हजार इलेक्ट्रिक बस हमने देश में दौडाना शुरु किया और दिल्ली को भी दिया है। गिग कामगारों के हितों को भी ध्यान में रखते हुए उसे ईश्रम से जोड़ा जा रहा है उसे उसे आयुष्मान योजना का लाभ भी मिलेगा। देश में करीब एक करोड गिग वर्कर है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) बड़ा योगदान दे रहा है। एमएसएमई क्षेत्र में सुधार के लिए कई पहलुओं पर काम शुरु किया गया। कोविड के संकट काल में एमएसएमई क्षेत्र को विशेष बल दिया। बिना किसी गारंटी के हजारों उद्योगों को लोन दिया गया। एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियां बनाई जिससे आज खिलौने भारत से निर्यात किए जा रहे है जबकि 2014 से पहले खिलौने आयात किये जाते थे। विकसित भारत के सपने के साथ देश आगे बढ़ रहा है। यह सपना 140 करोड देशवासियों का है। देश के आजादी के जब सौ साल पूरे होंगे तो देश विकसित भारत बनकर रहेगा। देश की आवश्यकता के अनुसार आधुनिक भारत विकसित भारत बनाने के लिए वर्षों तक जुटे रहेंगे। सभी दलों से आग्रह करते हुए कहा कि देश से बडा कुछ नहीं है हम सब मिलकर विकसित भारत बनायें।

आजाद, उप्रेती

वार्ता

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