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ब्याज दर स्थिरता से मकानों की किस्त की वहनीयता बनी रहने का अनुमान: नाइट फ्रैंक इंडिया

ब्याज दर स्थिरता से मकानों की किस्त की वहनीयता बनी रहने का अनुमान: नाइट फ्रैंक इंडिया

मुंबई 27 दिसंबर (वार्ता) मकान की मासिक किस्त और मासिक वेतन के बीच के अनुपात (वहनीयता अनुपात) के हिसाब से देश के प्रमुख शहरों में अहमदाबाद, पुणे और कोलकाता मकान खरीदने वालों के लिए सबसे वहनीय शहर हैं और अच्छी आर्थिक वृद्धि तथा ब्याज दर स्थिरता के वातावरण में ग्राहकों के लिए मकानों की वहनीयता आगे भी बनी रहने का अनुमान है।

अचल सम्पत्ति बाजार का अध्ययन करने वाली फर्म नाइट फ्रैंक इंडिया की शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में दिए गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार 2024 में नीतिगत ब्याज में वृद्धि के बावजूद प्रमुख शहरों में मकानों की कीमतें ग्राहकों के लिए वहनीय बनी रहीं। इसका मूख्य कारण मकनों की आपूर्ति की मजबूती बतायी गयी है।

नाइट फ्रैंक इंडिया के आवास वाहनीयता सूचकांक के अनुसार आठ प्रमुख शहरों में अहमदाबाद औसतन 20 प्रतिशत वहनीयता अनुपात के साथ सबसे सस्ता बाजार है। इसके बाद पुणे 23 प्रतिशत और कोलकाता का स्थान है।

मुंबई एक मात्र ऐसा बाजार है जहां मकान की किस्त मासिक आय के हिसाब से समाप्त हो रहे वर्ष में 50 प्रतिशत से कुछ ऊपर पहुंच गयी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वहनीयता सूचकांक के हिसाब से 2010 से 2021 के दौरान भारत के प्रमुख आठ शहरों में मासिक किस्त और आय के अनुपात के हिसाब से मकान खरीदना उत्तरोत्तर आसान हुआ है। इस दौरान खास कर महामारी के समय रिजर्व बैंक की नीतिगत दरों के दशक के निम्नतम स्तर पर पहुंचने से वहनीयता में अच्छा सुधार हुआ।

रिजर्व बैंक ने मई 2022 के बाद मुद्रास्फीति का दबाव कम करने के लिए नौ माह में अपनी रेपो दर में कुल मिला कर ढाई प्रतिशत वृद्धि कर दी जिससे उस वर्ष मकानों की वहनीयता प्रभावित हुई।

फरवरी 2023 के बाद से रेपो में बदलाव नहीं किया गया और इस दौरान लोगों की आय में जो वृद्धि हुई उससे मकानों की कीमत में बृद्धि का असर कम हुआ तथा उनकी वहनीयता बनी रही।

रिपोर्ट के अनुसार मुंबई में वहनीयता सूचकांक 2023 के 51 प्रतिशत से 2024 में 50 प्रतिशत पर आ गया। दिल्ली एनसीआर में यह इस दौरान 27 प्रतिशत पर टिका रहा। बेंगलुरू में यह 26 से बढ़ कर 27 प्रतिशत हो गया अर्थात वहां मकान की किस्त आय की दृष्टि से बढ़ गयी। पूर्व में यह इस दौरान 24 प्रतिशत की जगह 23 प्रतिशत, चेन्नई में 25 प्रतिशत के स्तर, हैदराबाद में 30 प्रतिशत , कोलकाता में 24 प्रतिशत स्थिर रहा। अहमदा बाद में दो वर्ष में वहनीयता सूचकांक 21 से 20 प्रतिशत पर आ गया।

इन शहरों में 2022 के मुकाबले मकान की किस्त की वहनीयता में सुधार हुआ है।

वर्ष 2010 में मुंबई में किस्त का अनुपात 93 प्रतिशत के स्तर पर सबसे ऊंचा और पुणे में 39 प्रतिशत पर सबसे कम था।

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, “घर खरीदने वालों की मांग को बनाए रखने और बिक्री को बढ़ाने में वहनीयता महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो देश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देती है। जबकि संपत्ति की कीमतों में काफी वृद्धि देखी गई है, आय के स्तर में लगातार वृद्धि ने व्यक्तियों को संपत्तियों में निवेश करने के लिए आवश्यक वित्तीय आत्मविश्वास बनाए रखने में मदद की है।”

उन्होंने कहा है कि जैसे-जैसे आय बढ़ती है और अर्थव्यवस्था मजबूत होती है, अंतिम उपयोगकर्ता संपत्ति निर्माण के लिए दीर्घकालिक वित्तीय प्रतिबद्धता बनाने के लिए अधिक इच्छुक होते हैं। रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 6.6 प्रतिशत की स्वस्थ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि और स्थिर ब्याज दर के माहौल का अनुमान लगाया है, उम्मीद है कि वहनीयता का स्तर 2025 में घर खरीदने वालों की मांग का समर्थन करना जारी रखेगा।”

मनोहर, उप्रेती

वार्ता

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