पेरिस, 12 अक्टूबर (वार्ता) फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शुक्रवार को कहा कि मध्य पूर्व में लड़ाई रोकने का "एकमात्र उपाय" इजरायल को हथियार आपूर्ति से वंचित करना है, जिसका उपयोग वह गाजा पट्टी और लेबनान में लड़ाई जारी रखने के लिए करता है।
मैक्रों ने साइप्रस में यूरोपीय संघ के भूमध्यसागरीय सदस्य-देशों के एक एमईडी9 शिखर सम्मेलन में कहा कि “फ़्रांस ने इन युद्ध क्षेत्रों में उपयोग किए जाने वाले हथियारों के निर्यात को रोकने का आह्वान किया है। यहां के अन्य नेताओं ने भी ऐसा ही किया है। हम सभी जानते हैं कि यही एकमात्र उपाय है जो आज इस लड़ाई को रोक सकता है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका मतलब इजरायल के पूर्ण निरस्त्रीकरण से नहीं है, क्योंकि वह अभी भी सुरक्षा जोखिमों के अंतर्गत है।
उल्लेखनीय है कि सात अक्टूबर, 2023 को, गाजा पट्टी को नियंत्रित करने वाले हमास आंदोलन ने इज़रायल पर हमला किया, जिसका जवाब इजरायल ने जमीनी घुसपैठ के साथ जवाबी कार्रवाई के साथ दिया और यह संघर्ष दशकों में फिलिस्तीनी क्षेत्र में सबसे बड़े सशस्त्र संघर्ष में परिवर्तित हो गया।
लेबनान स्थित हिजबुल्लाह आंदोलन गाजा पट्टी के खिलाफ आक्रामकता रोकने की मांग करते हुए सीमा पार से इजरायल में रॉकेट से हमला कर रहा है। इस महीने की शुरुआत में इजरायल में ईरान द्वारा मिसाइल हमला करने से क्षेत्र में और तनाव बढ़ गया।
गौरतलब है कि एक अक्टूबर को, इज़रायल ने लेबनान के दक्षिण में हिजबुल्लाह के खिलाफ एक जमीनी अभियान शुरू किया, जबकि शिया आंदोलन और इजरायल में हवाई और रॉकेट हमलों का दौर भी जारी है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि लेबनान में यूएनआईएफआईएल मिशन के उसके शांतिरक्षक बार-बार इजरायल-हिजबुल्लाह संघर्ष की चपेट में आ रहे हैं, जिसके बाद इस सप्ताह पूरे विश्व के नेताओं ने चिंता व्यक्त की है।
अभय
वार्ता