नयी दिल्ली 13 जनवरी (वार्ता) भारत सरकार ने फेसबुक एवं व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के स्वामित्व वाली कंपनी मेटा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क ज़ुकरबर्ग की कोविड महामारी के बाद भारत में हुए चुनावों के बारे में की गयी टिप्पणी को तथ्यात्मक रूप से गलत बताते हुए इसे खारिज कर दिया और श्री ज़ुकरबर्ग को चेताया है कि वह तथ्यों के साथ विश्वसनीयता बनाये रखें।
केन्द्रीय सूचना प्रसारण, इलैक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यहां एक्स पर अपनी एक पोस्ट में श्री ज़ुकरबर्ग की टिप्पणी का खंडन करते हुए कहा, “दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत ने 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं के साथ 2024 का चुनाव कराया। भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के शासन पर अपना भरोसा दोहराया है। श्री जुकरबर्ग का यह दावा कि 2024 के चुनावों में भारत सहित अधिकांश मौजूदा सरकारें, कोविड के बाद हार गईं, तथ्यात्मक रूप से गलत है।”
श्री वैष्णव ने कहा, “80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त भोजन, 220 करोड़ मुफ्त टीके और कोविड के दौरान दुनिया भर के देशों को सहायता से लेकर, भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में नेतृत्व करने तक, प्रधानमंत्री श्री मोदी की तीसरे कार्यकाल की निर्णायक जीत सुशासन और जनता के विश्वास का प्रमाण है।”
उन्होंने कहा, “स्वयं श्री जुकरबर्ग की ओर से गलत सूचना देखना निराशाजनक है। आइए तथ्यों और विश्वसनीयता को कायम रखें।”
श्री ज़ुकरबर्ग ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में कहा था, “वर्ष 2024 दुनिया भर में एक बड़ा चुनावी वर्ष था। भारत जैसे इन सभी देशों में चुनाव हुए थे। मूल रूप से सभी सत्ताधारियों को हार का सामना करना पड़ा। कुछ प्रकार की वैश्विक घटना है - चाहे वह मुद्रास्फीति के कारण हो या निपटने के लिए आर्थिक नीतियों के कारण हो कोविड के साथ या सरकारों ने कोविड से कैसे निपटा - ऐसा लगता है कि इसका वैश्विक प्रभाव पड़ा... मौजूदा लोगों और शायद कुल मिलाकर इस प्रकार के लोकतांत्रिक संस्थानों में विश्वास में व्यापक कमी आई है।”
सचिन
वार्ता