नयी दिल्ली, 05 नवंबर (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छठ महापर्व की शुरुआत पर मंगलवार को देशवासियों को बधाई दी।
श्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट शेयर करके लोगों को बधाई दी।
उन्होंने पोस्ट में कहा, 'महापर्व छठ में आज नहाय-खाय के पवित्र अवसर पर सभी देशवासियों को मेरी शुभकामनाएं। विशेष रूप से सभी व्रतियों को मेरा अभिनंदन। छठी मइया की कृपा से आप सबका अनुष्ठान सफलतापूर्वक संपन्न हो, यही कामना है।'
गौरतलब है कि लोक आस्था के महापर्व छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत मंगलवार को नहाय-खाय के साथ हो गई है। छठ के पहले दिन व्रती नर-नारियों ने अंतःकरण की शुद्धि के लिए नहाय-खाय के संकल्प के तहत नदियों-तालाबों के निर्मल एवं स्वच्छ जल में स्नान करने के बाद अरवा भोजन ग्रहण करके इस व्रत को शुरू किया। सुबह से ही गंगा नदी, तालाब, पोखर आदि में व्रती स्नान करते देखे गए।परिवार की सुख-समृद्धि तथा कष्टों के निवारण के लिए किये जाने वाले
इस व्रत की एक खासियत यह भी है कि इस पर्व को करने के लिए किसी पुरोहित(पंडित) की आवश्यकता नहीं होती है।
महापर्व छठ के दूसरे दिन महिला और पुरुष व्रती कल एक बार फिर नदियों, तालाबों में स्नान करने के बाद अपना उपवास शुरू करेंगे। दिनभर के निर्जला उपवास के बाद व्रती सूर्यास्त होने पर भगवान सूर्य की पूजा करके एक बार ही दूध और गुड़ से बनी खीर खायेंगे। इसके बाद जब तक चांद नजर आयेगा तभी तक वह जल ग्रहण कर सकेंगे और उसके बाद से उनका करीब 36 घंटे का निराहार-निर्जला व्रत शुरू हो जायेगा।
इस महापर्व के तीसरे दिन व्रतधारी अस्ताचलगामी सूर्य को नदियों और तालाबों में खड़े होकर प्रथम अर्घ्य अर्पित करेंगे। व्रतधारी अस्त हो रहे सूर्य को फल और कंद मूल से अर्घ्य अर्पित करते हैं। पर्व के चौथे और अंतिम दिन नदियों और तालाबों में उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया जायेगा। दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के बाद ही श्रद्धालुओं का करीब 36 घंटे का निराहार व्रत समाप्त होता है और वे अन्न-जल ग्रहण करते हैं।
मनोहर, समीक्षा
वार्ता