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देश के संविधान पर चारों तरफ से हो हो रहा है हमला: राहुल गांधी

रांची,19 अक्टूबर (वार्ता)
कांग्रेस पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने कहा कि आज संविधान की रक्षा की जरुरत है।
श्री गांधी ने शनिवार को रांची के डोरंडा के शौर्य सभागार में सिविल सोसाइटी सहित समाज के सभी वर्गों के साथ "संविधान बचाओ सम्मेलन में कहा कि मैंने बाहर पोस्टर पर देखा कि संविधान सम्मान सम्मेलन लिखा था, लेकिन सच्चाई यह है कि आज संविधान की रक्षा की जरुरत है। सिर्फ संविधान का सम्मान करने से नहीं होगा। चारों तरफ से संविधान पर आक्रमण हो रहा है। सिर्फ एक दो व्यक्ति मोदी और अमित शाह नहीं कर रहे है। अलग-अलग शक्तियां इस पर हमला कर रहे है। कोई आगे से कोई पीछे से कोई उपर से कोई नीचे से संविधान पर हमला कर रहा है। उनका लक्ष्य है संविधान खत्म हो जाये या फिर खोखला बना दिया जाये।
श्री गांधी ने संविधान की प्रति दिखाते हुए कहा कि इसको खोखला किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसको लागू तो 1950 में किया गया लेकिन यह समझना जरुरी है कि इसको लागू करने के पीछे सोच हजारों साल पुरानी है। यह भगवान महावीर, भगवान बुद्ध, गुरुनानक समेत उन महापुरुषों की सोच का नतीजा है जो मनुस्मृति के खिलाफ थे।
श्री गांधी ने कहा कि आज भाजपा के लोग आदिवासी को वनवासी कहते हैं। यह कहकर आदिवासियों के इतिहास, उनके जीने के तरीके को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। आदिवासी का मतलब मालिक से था। अब उसे वनवासी कहकर जंगल में भेजना चाह रहे हैं। आज किसी भी कॉर्पोरेट में बड़े पदों पर ओबीसी, आदिवासी, दलित नहीं मिलेगा। हलुआ वही बांट भी रहे हैं और खा भी रहे हैं। आज 100 रुपये में से पांच रुपये खर्च करने का निर्णय ओबीसी लेते हैं। दलित 1 रुपये और आदिवासी 10 पैसे खर्च करने का निर्णय लेते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सभी संस्थाओं पर अपना कंट्रोल जमा लिया है।
श्री गांधी ने कहा कि मैं इस देश में 50 प्रतिशत आरक्षण के बैरियर को तोड़कर रहूंगा। साथ ही जातीय जनगणना को सुनिश्चित कराएंगे ताकि यह पता चल सके कि कौन कितने का हकदार है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति आदिवासी वर्ग की हैं। पहली बार आदिवासी वर्ग से राष्ट्रपति बनीं। जब संसद भवन का उद्घाटन होता है तो उनको कहा जाता है कि आप आदिवासी हैं, आपको नहीं जाना है। धूमधाम से राम मंदिर का उद्घाटन होता है और राष्ट्रपति से कहा जाता है कि आपकी जगह नहीं है। वहां अंबानी और अडानी को बुलाया जाता है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी कहते हैं मैं दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों का सम्मान करुंगा लेकिन आपके हाथ से आपकी शक्ति छीन लेते हैं। सम्मान आपको देते हैं और पावर आपसे छीनते हैं। लोकसभा के चुनाव में जनता ने उनको समझा दिया। अब मुस्कुराते हुए नहीं दिखते हैं। मुस्कुराना भूल गये हैं। कांग्रेस का बैंक अकाउंट बंद कर दिया। बिना पैसे के कांग्रेस ने चुनाव लड़ा।
श्री गांधी ने कार्यक्रम में जीएसटीझ वसूली का प्रतिशत भी समझाया। उन्होंने कहा कि यहां की 90 प्रतिशत आबादी जीएसटी देती है। हर सामान पर टैक्स वसूला जाता है। 100 रुपये अगर टैक्स में लिए जाते हैं तो 40 रुपये आम आदमी की जेब से निकलते हैं। 26 रुपये सबसे बड़ी कंपनियों से आते हैं। सबसे गरीब लोग 60 प्रतिशत से ज्यादा जीएसटी देते हैं। सबसे अमीर 10 प्रतिशत लोग जीएसटी का तीन प्रतिशत देते हैं। हिन्दुस्तान का 40 प्रतिशत धन एक प्रतिशत लोगों के पास है। सबसे गरीब 50 प्रतिशत लोगों के पास एक प्रतिशत धन है। सबसे गरीब की आमदनी जोड़ देंगे तो पूरी आमदनी करीब 13 प्रतिशत बनती है। यह सिर्फ संविधान पर आक्रमण नहीं हो रहा। आपसे चोरी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी फैल रही है। महंगाई बढ़ रही है। सामाजिक एक्स-रे का माध्यम जाति जनगणना है। हम जानना चाहते हैं कि इस देश में पिछड़े वर्ग के कितने लोग हैं। दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और गरीब जनरल कास्ट के कितने लोग हैं। हिन्दुस्तान की संस्थाओं में किसकी कितनी हिस्सेदारी है। इन संस्थाओं पर किसका कंट्रोल है। इसलिए मैं जातीय जनगणना की मांग कर रहा हूं लेकिन मोदी नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि जो करना है कर लो। आज नहीं तो कल जातिगत जनगणना होकर रहेगा। जिस 90 प्रतिशत को मिटाया जा रहा है, उस 90 प्रतिशत में बहुत शक्ति है। आपके पास मीडिया, जूडिशियरी, ब्यूरोक्रेसी नहीं है। लेकिन आपके पास सच्चाई है।
इस सम्मेलन में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा के अलावा कई नेता मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान ओबीसी, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक की ओर से बुधराम मुंडा, अमानत अली, अनिल जयहिंद, दयामनि बारला, थ्योडोर किड़ो, अली अनवर अंसारी, सरिता कुमारी प्रजापति, राजेश गुप्ता सहित अन्य ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये।
विनय
वार्ता
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