बिजनेसPosted at: Jan 21 2025 6:02PM स्वास्थ्य सेवा में कर सुधारों के साथ ही इनोवेशन को मिले बढ़ावानयी दिल्ली 21 जनवरी (वार्ता) स्वास्थ्य विशेषज्ञों को इस बार के बजट में हेल्थ जैसे प्रमुख सेक्टर के लिए आवंटन बढ़ाये जाने, स्वास्थ्य के लिए आवंटन में 10 प्रतिशत की वृद्धि, स्वास्थ्य सेवा में कर सुधारों के साथ ही इनोवेशंस को बढ़ावा देने वाले उपाय किए जाने की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अपील की है। वित्त मंत्री एक फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश करेंगी। फोर्टिस अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख और निदेशक डॉ. प्रवीण गुप्ता ने कहा, “ हमें सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा खर्च बढ़ाने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप की उम्मीद है। रणनीतिक निवेश और सहायक नीतियों से ग्रामीण-शहरी विभाजन को पाटा जा सकता है और विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण देखभाल तक पहुंच सुनिश्चित की जा सकती है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश के हर कोने तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लिए सभी हितधारकों को शामिल करते हुए एक समग्र दृष्टिकोण आवश्यक है। आगामी बजट से प्राथमिक अपेक्षाओं में से एक कर सुधार है। आकाश हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक डॉ. आशीष चौधरी ने कहा कि नई स्वास्थ्य सेवा परियोजनाओं के लिए आयकर अधिनियम की धारा 35एडी के तहत 150 प्रतिशत कटौती को बहाल करना और नई परियोजनाओं के लिए न्यूनतम 15 वर्षों के लिए कर राहत देने के साथ ही मौजूदा सुविधाओं के लिए 10 साल की कर राहत भी प्रमुख मांगें हैं। एक अन्य महत्वपूर्ण मांग अस्पतालों को बुनियादी ढांचे के निवेश के रूप में पुनर्वर्गीकृत करना है। यह कदम पर्याप्त निजी क्षेत्र की भागीदारी को आकर्षित कर सकता है, जो अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के निर्माण के लिए आवश्यक है। चिकित्सा उपकरणों के लिए ब्याज दर में छूट के साथ, ये सुधार भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए आवश्यक वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान कर सकते हैं। पीएसआरआई अस्पताल के उप महाप्रबंधक वित्त अनूप मेहरा ने कहा अस्पतालों को बुनियादी ढांचे के रूप में पुनर्वर्गीकृत करने से दीर्घकालिक निवेश के रास्ते खुल सकते हैं, जिससे इस क्षेत्र को क्षमता का विस्तार करने और सेवा वितरण में सुधार करने में मदद मिलेगी। भारत के टियर 2 और टियर 3 शहर स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे के मामले में कम सेवा वाले हैं, जिससे इन क्षेत्रों में निजी स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है। स्वास्थ्य सेवा पहुंच में सुधार के उद्देश्य से आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई योजना ने छोटे शहरों में मांग में वृद्धि की है। हालांकि, इस योजना के मौजूदा मूल्य निर्धारण मॉडल सेवा वितरण की वास्तविक लागत को दर्शाने में विफल रहते हैं, जिससे प्रदाता वित्तीय रूप से मुश्किल में पड़ जाते हैं। जुपिटर अस्पताल पुणे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. राजेंद्र पाटनकर ने कहा कि पैकेज मूल्य निर्धारण को तर्कसंगत बनाना और बिजली और उपयोगिताओं के लिए परिचालन सब्सिडी प्रदान करना, जो सरकारी अस्पतालों को दी जाती है, इस बोझ को कम कर सकता है। न्यायसंगत मूल्य निर्धारण मॉडल और परिचालन लागत पर राहत के बिना, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता इन क्षेत्रों में परिचालन को बनाए नहीं रख सकते हैं। सिटी एक्स-रे के सीईओ डॉ. आकार कपूर ने कहा कि गैर संचारी रोंगों को जल्दी पता लगाने से दीर्घकालिक स्वास्थ्य सेवा लागत कम हो सकती है और रोगी के परिणाम बेहतर हो सकते हैं। इस दृष्टिकोण को वास्तविकता बनाने के लिए डायग्नोस्टिक केंद्रों के लिए कर छूट और उपकरणों पर कम आयात शुल्क जैसे प्रोत्साहन आवश्यक हैं। एशियन हॉस्पिटल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. एन. के. पांडे ने कहा कि मेडिकल टूरिज्म से होने वाली आय पर कर छूट और अंतरराष्ट्रीय मरीजों के लिए वीजा प्रक्रिया को सरल बनाने से भारत स्वास्थ्य सेवाओं के लिए वैश्विक केंद्र बन सकता है। भारत की चिकित्सा विशेषज्ञता और लागत लाभ बेजोड़ हैं, लेकिन ज्यादा से ज्यादा मरीजों को आकर्षित करने के लिए मेडिकल वीजा में नीतिगत सुधार और शुल्क को तर्कसंगत बनाना आवश्यक है।शेखरवार्ता