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विदेश से लौटकर उर्वरक मामले की समीक्षा की मुख्यमंत्री ने

भोपाल, 30 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज कहा कि राज्य में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है और जिन स्थानों से उर्वरक वितरण संबंधी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, वहां दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार डॉ यादव ने विदेश यात्रा से लौटने के बाद रात्रि में यहां मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में उर्वरक की उपलब्धता संबंधी मामले की उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा की। इस दौरान डॉ यादव ने कहा कि यदि उर्वरक वितरण केन्द्रों की संख्या बढ़ाना आवश्यक हो, तो उन स्थानों पर अविलंब ऐसे प्रबंध किए जाएं। किसानों को कोदो-कुटकी के उत्पादन के लिए भी प्रोत्साहित किया जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में उर्वरकों के अवैध भंडारण, अवैध परिवहन और कालाबाजारी के 71 प्रकरणों में प्राथमिकी दर्ज की गई है। मध्यप्रदेश को किसानों की जरूरत के मान से केन्द्र द्वारा भी निरंतर उर्वरक प्रदाय किए जा रहे हैं। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में पूर्व वर्ष में 470 उर्वरक विक्रय केन्द्र थे। वर्तमान में प्रदेश में 761 विक्रय केन्द्र और काउंटर्स द्वारा वितरण का कार्य किया जा रहा है। विपणन संघ, मार्केटिंग सोसायटी और एमपी एग्रो द्वारा केन्द्रों का सुचारू संचालन किया जा रहा है। प्रदेश में गुणवत्ता नियंत्रण के अंतर्गत 10 हजार से अधिक नमूने विश्लेषित किए गए। साथ ही 45 लायसेंस निलंबित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सोशल मीडिया पर और अन्य जनमाध्यमों से उर्वरक वितरण की शिकायतें प्राप्त होने पर सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों के अधिकारी अविलंब संज्ञान लें और शिकायतों को दूर करें। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में गत वर्ष से अधिक मात्रा में उर्वरक वितरण हो चुका है। फसलों की बोवनी लगभग दो तिहाई क्षेत्र में हो चुकी है। प्रदेश में 28 नवम्बर तक 32.44 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध है। इसमें से 21.34 लाख मीट्रिक टन का विक्रय हो चुका है और 11.10 लाख मीट्रिक टन उर्वरक शेष है। दिसम्बर माह में इसकी उपलब्धता लगभग 20 लाख मीट्रिक टन रहेगी।
डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों को वितरण के लिए निरंतर और नियमित रूप से आवश्यक उर्वरक प्राप्त हो रहे हैं। भविष्य में भी यह व्यवस्था सुचारू रहे, इस उद्देश्य से वे केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह करेंगे। वर्तमान में प्रदेश में विभिन्न जिलों के लिए रेल से 11 रैक पाइंट के लिए यूरिया का प्रदाय हो रहा है। आगामी सप्ताह यूरिया सहित डीएपी, एनपीके और टीएसपी के रैक टीकमगढ़, निवाड़ी, रीवा, कछपुरा, झुकेही, शहडोल, इटारसी, गुना, अशोकनगर, मेघनगर, खंडवा, शाजापुर, मंडीदीप, खंडवा, ब्यावरा, शिवपुरी, डबरा, बैतूल आदि के लिए आएंगे। दिसम्बर महीने के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। केन्द्र सरकार का पूर्ण सहयोग मिल रहा है।
सूत्रों के अनुसार किसानों के हित में उर्वरक व्यवस्था पर नजर रखी जा रही है। दोषियों के विरुद्ध गत 7 दिवस में 11 एफआईआर दर्ज हुई हैं। इस सीजन में कुल 71 एफआईआर दर्ज हुई हैं। इनमें प्रदेश में उर्वरक के अवैध भंडारण पर 27, अवैध विक्रय पर 17, कालाबाजारी पर 10, अवैध परिवहन पर 7, अमानक उर्वरक पर 5, पीओएस मशीन से विक्रय नहीं करने पर 3 और नकली उर्वरक के विक्रय पर 2 एफआईआर दर्ज हुई हैं। प्रदेश भर में यह कार्रवाई निरंतर चल रही है। प्रदेश के कुछ जिलों में किसानों के हित में बेहतर वितरण व्यवस्था से संबंधित नवाचार किए गए हैं।
विदिशा जिले के कुरवाई में खाद और बीज दुकानों की जाँच कर सैम्पल लिए गए। जबलपुर में कालाबाजारी की शिकायतों पर सख्त कार्रवाई की गई। किसानों को फसलों में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए वैकल्पिक उर्वरकों के इस्तेमाल का परामर्श भी दिया गया। छतरपुर जिले में अवैध भंडारण पर एफआईआर कर दोषी व्यापारियों पर केस दर्ज किए गए। आगर-मालवा, बैतूल, देवास, बालाघाट, बुरहानपुर, झाबुआ, शिवपुरी, मंदसौर, श्योपुर, हरदा और खंडवा जिलों में भी सख्त कार्रवाई कर अवैध व्यापार करने वालों को दंडित किया गया है।
नवाचारों में टीकमगढ़ में काउंटर संख्या बढ़ाकर वितरण व्यवस्था को आसान बनाया गया। छिंदवाड़ा में रबी फसल की तैयारी के लिए किसानों के लिए मार्गदर्शी कार्यशाला आयोजित की गई। बैठक में सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव एस.एन. मिश्रा और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
प्रशांत
वार्ता
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