राज्य » अन्य राज्यPosted at: Dec 16 2024 7:32PM कुमाऊं विवि नवाचार के क्षेत्र में बना चुका है अलग पहचान: गुरमीतनैनीताल, 16 दिसंबर (वार्ता) उत्तराखंड में कुमाऊं विश्वविद्यालय के 19वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कुलाधिपति और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने सोमवार को कहा कि कुमाऊं विवि नवाचार, अनुसंधान एवं समाज के लिए उपयोगी पहल के लिए अपनी अलग पहचान बना चुका है। श्री गुरमीत ने कहा कि सरकार द्वारा भी शिक्षकों और छात्रों को अनुसंधान के लिए आंतरिक शोध वित्त पोषण के तहत शोध कार्य हेतु आर्थिक सहायता दी जा रही है। छात्रों में नवाचारों को पेटेंट कराने में सहायता प्रदान करने के लिए पेटेंट सेल की स्थापना की गई है तथा राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय सेमिनार में भाग लेने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है। उन्होंने पदक विजेताओं को शुभकामनाएं भी दीं।उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने सभी उपाधि धारकों को बधाई देते हुए कहा कि आज के इस युग में शिक्षा नीति में कई राज्यों ने कई बेहतर कदम उठाए हैं। जिससे आज 21 वीं सदी के अनुरुप हमारी शिक्षा व्यवस्था और विकसित भारत को बनाने के महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा हैं। हाल ही में केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा पीएम उषा के अंतर्गत कुमाऊं विवि को विशेष रूप से 100 करोड़ का अनुदान दिया गया है। जो विवि के लिए नहीं बल्कि राज्य के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है। साथ ही उन्होंने बताया कि राज्य की संस्कृति-विरासत को संजोए रखने के लिए प्राइमरी स्कूलों में कुमाऊंनी-गढ़वाली, जौनसारी आदि ऐसी बोलियां भी पठन पाठन में लागू की गई है। जिससे पहाड़ी भाषा-बोलियों का संरक्षण भी किया जा सके।कुलपति प्रोफेसर दीवान सिंह रावत ने विवि के उपलब्धियों के विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष कुमाऊं विवि देश का पहला ऐसा संस्थान है जिसने परीक्षा सामग्री की गोपनीय छपाई के लिए एक पारदर्शी और वित्तीय रुप से मितव्ययी ओपन टेंडर प्रक्रिया लागू की।साथ ही इसी वर्ष विवि ने नेशनल इंटिटयूशन रैंकिंग फ्रेमवर्क में प्रतिष्ठित 51-100 श्रेणी में स्थान प्राप्त किया, जबकि फार्मेसी विभाग ने राष्ट्रीय स्तर पर 62वां स्थान हासिल कर अपनी उत्कृष्टता का प्रर्दशन किया। विवि में एक मजबूत शोध संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए एक आंतरिक शोध निधि की स्थापना की गई, जिसमें 65 शिक्षकों को 1.25 करोड़ का वित्तीय अनुदान और टैलेंट हंट नामक एक विशेष वित्तीय सहायता कार्यक्रम शुरु किया गया, जिसका वार्षिक बजट 30 लाख रुपए है। जिसका उद्देश्य स्नातक औऱ स्नातकोत्तर के बीच शोध कार्यों को बढ़ावा देना है।डीएसबी परिसर के एएन सिंह सभागार में आयोजित समारोह में 89 विद्यार्थियों को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए पदक, जबकि 201 पीएचडी शोधार्थी और 19,570 छात्रों को उपाधि प्रदान की गयी।इसी के साथ ही कला-रंगमंच के क्षेत्र में राज्य का नाम राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित करने वाले अभिनेता ललित मोहन तिवारी को डी-लिट और शिक्षा शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रोफेसर डीपी सिंह को डीएससी की मानद उपाधि से विभूषित किया गया।रवीन्द्र.संजय वार्ता