राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Nov 7 2024 5:58PM कृषि विभाग की टीमों ने खाद विक्रेताओं की दुकानों एवं गोदामों की जांच कीजालंधर, 07 नवंबर (वार्ता) पंजाब में जालंधर के जिला उपायुक्त डाॅ हिमांशु अग्रवाल द्वारा कृषि विभाग को डी.ए.पी. खाद विक्रेताओं की लगातार जांच करने के दिए गए सख्त निर्देश के बाद विभाग ने आज खाद विक्रेताओं की 10 दुकानों और गोदामों की जांच की गई और छह नमूने भरने के अलावा दुकानों में पड़ी खाद की भी जांच की।विकासखंड कृषि अधिकारी डाॅ सुरजीत सिंह ने गुरुवार को बताया कि जांच के दौरान भरे गये नमूनों को जांच के लिये लेबोरेट्री में भेजा जायेगा और रिपोर्ट आने के बाद उसके अनुसार कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान उर्वरक विक्रेताओं को स्टॉक बोर्ड पर प्रतिदिन उर्वरक का स्टॉक एवं रेट लिखने तथा किसानों को जो भी कृषि सामग्री बेची जाती है उसका पक्का बिल काटने तथा अनावश्यक सामान खाद के साथ न देने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि यह अभियान आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा और यदि कोई उर्वरक विक्रेता/डीलर बिना बिल के उर्वरक, दवा या बीज बेचता पाया गया तो उसके खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कानूनी कार्रवाई की जायेगी।डॉ.सिंह ने बताया कि गेहूं की खेती के लिये फास्फोरस खाद्य तत्व की आवश्यकता होती है, जिसके लिये किसान बिजाई के समय डीएपी उर्वरक का प्रयोग करते है। उन्होंने कहा कि डी.ए.पी उर्वरक विकल्प के रूप में किसान ट्रिपल सुपर फॉस्फेट, सिंगल सुपर फॉस्फेट और अन्य फास्फोरस युक्त उर्वरकों का भी उपयोग कर सकते हैं। ठाकुर.श्रवण वार्ता