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शिअद ने नशे को नियंत्रित करने में विफल रहने पर की आप की कड़ी निंदा

चंडीगढ़, 09 नवंबर (वार्ता) शिरोमणी अकाली दल (शिअद) ने शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल और राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान की इस स्वीकारोक्ति की कड़ी निंदा की है जिसमें स्वीकार किया गया है कि पंजाब नशे की समस्या को नियंत्रित करने में विफल रही है।
शिअद के नेता डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा है कि आप एक महीने के भीतर नशे की समस्या को समाप्त करने के वादे के साथ सत्ता में आई थी। उन्होने कहा कि अब इस काम में विफल होने और ड्रग्ज माफिया को सरंक्षण देने का आरोप लगाने के बाद पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने इसकी जिम्मेदार पंचों और सरपंचों पर डाल दी है। उन्होने कहा कि आखिर में वे इस खतरे को समाप्त करने में आप सरकार की विफलताओं के लिए सरपंचों और पंचों को ही दोषी ठहराएंगें।
उन्होंने श्री केजरीवाल का जिक्र करते हुए कहा कि एक व्यक्ति जिसे भ्रष्टाचार के मामले में इस शर्त पर जमानत दी गई थी कि वह मुख्यमंत्री सचिवालय में प्रवेश नही करेगा यां फाइलों पर हस्ताक्षर नही करेगा, वह सरपंचों और पंचों को शपथ ग्रहण समारोह की अध्यक्षता कर रहा है। उन्होने कहा कि श्री केजरीवाल को पंजाबियों को बताना चाहिए कि राज्य में नशा कौन कर रहा है, क्योंकि आप पार्टी के नेता ने पहले भी इस बुराई के पीछे राजनीतिक नेताओं का हाथ होने का आरोप लगाया था। उन्होने कहा,‘‘श्री केजरीवाल अब इस मुददे पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल नही खेल सकते हैं।’’
श्री चीमा ने कहा कि सच्चाई यह है कि पंजाब में दो समानांतर सरकारें हैं- एक दिल्ली से श्री केजरीवाल द्वारा चलाई जा रही है और दूसरी चंडीगढ़ में राजभवन से चलाई जा रही है। उन्होने कहा,‘‘ये दोनों सरकारें पंजाब के ज्वलंत मुददों जैसे धान की खरीद और उठान में कमी और आगामी धान की फसल के लिए डीएपी खाद की आपूर्ति की कमी से ध्यान भटकाने के लिए नशे के मुददे को हवा दे रही है।’’ उन्होने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप के 92 विधायक पंगू बन गए , जिसके कारण पीड़ित किसानों को कोई राहत नही मिल रही है।
उन्होंने आप सरकार और उसके मुख्यमंत्री से किसानों और समाज के विभिन्न वर्गों के प्रति अपने कर्तव्यों को पहचानने के लिए कहते हुए कहा,‘‘या तो अपनी जिम्मेदारी निभाईए या फिर अपने पद को छोड़ दीजिए। हम ऐसी सरकार नही चाहते जो लोगों की समस्याओं के प्रति उदासीन हो और राज्य को दिवालिया बनाने की कीमत पर विज्ञापनों और तुच्छ नौटंकी पर जनता का पैसा बर्बाद कर रही हो।”
विजय.संजय
वार्ता
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