राज्य » राजस्थानPosted at: Oct 16 2024 9:50PM उपचुनाव के मद्देनजर अधिकारी-कार्मिक अधिक संवेदनशील और सतर्क रहकर करे काम-महाजनजयपुर, 16 अक्टूबर (वार्ता) राजस्थान में सात विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव स्वतन्त्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और भय रहित माहौल में कराने के लिए निर्वाचन विभाग माइक्रो आब्जर्वर और सेक्टर ऑफिसर के रूप में अतिरिक्त मानव संसाधन नियोजित किए जाएंगे। इसके लिए निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी-कार्मिक अधिक संवेदनशील और सतर्क रहकर कार्य करेंगे। साथ ही जागरूकता गतिविधियां बढ़ाकर अधिकाधिक मतदाताओं को मतदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बुधवार को यहां उपचुनाव वाले क्षेत्रों के जिला निर्वाचन अधिकारियों, रिटर्निंग अधिकारियों (आरओ), पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस बैठक में इस सम्बन्ध में निर्देश दिए। उपचुनाव की तैयारियों की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि सभी रिटर्निंग अधिकारी भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का गहनता से अध्ययन करें और तदनुसार अपने टीम सदस्यों को समुचित प्रशिक्षण देकर निर्वाचन को निष्पक्ष और समावेशी प्रक्रिया के रूप में संपन्न करवाएं। श्री महाजन ने जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा कि विधानसभा क्षेत्रों में संवेदनशील मतदान केन्द्रों की पहचान कर वहां अतिरिक्त माइक्रो आब्जर्वर या सेक्टर ऑफिसर की तैनाती कर सकते हैं. धरातल पर नियोजित ये सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी और अधिकारों की पूरी जानकारी रखें तथा आयोग के दिशा-निर्देशों एवं नियमों की बारे में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ समय-समय पर बैठक कर सूचनाएं साझा करें। श्री महाजन ने भी कहा कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में सुरक्षित, भय रहित और शांतिपूर्ण माहौल में चुनाव प्रक्रिया संपन्न करवाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने 85 वर्ष से अधिक आयु और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं के लिए होम वोटिंग के विकल्प का जमीनी स्तर पर प्रचार-प्रसार करने पर जोर दिया ताकि इन श्रेणियों के ज्यादा से ज्यादा मतदाता अधिक सुविधाजनक ढ़ंग से अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें। वर्तमान में उपचुनाव वाले सात विधानसभा क्षेत्रों में 85 वर्ष से अधिक आयु के 19 हजार 674 और 22 हजार 834 दिव्यांग मतदाता चिह्नित किए गए हैं जो होम वोटिंग के पात्र हैं। उन्होंने बताया कि उपचुनाव के लिए 23 अक्टूबर तक बीएलओ द्वारा पात्र मतदाताओं से विकल्प-पत्र के रूप में फॉर्म 12डी प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इससे चुनाव प्रक्रिया अधिक समावेशी हो सकेगी तथा लोकतान्त्रिक प्रक्रिया में सभी लोगों की भागीदारी बढ़ाने का उद्देश्य हासिल किया जा सकेगा। उन्होंने उपचुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। श्री महाजन ने चुनाव के दौरान सम्बंधित क्षेत्र में सोशल मीडिया पर विशेष फोकस रखने पर जोर देते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर किसी संवेदनशील पोस्ट की जानकारी मिलने पर स्थानीय स्तर पर ही त्वरित और समुचित कार्रवाई की जाए। इस विषय पर निर्वाचन विभाग जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करेगा। बैठक में राज्य पुलिस नोडल अधिकारी पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) अनिल टांक ने जिला पुलिस अधीक्षकों सहित अन्य पुलिस अधिकारियों से उपचुनाव वाले क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर विशेष निगरानी के लिए निर्देशित करते हुए बताया कि चुनाव वाले सात जिलों में से चार की सीमाएं पड़ोसी राज्यों से लगी हैं जहां विशेष निगरानी के लिए अंतरराज्यीय सीमा नाके लगाए गए हैं। सभी सात विधानसभा क्षेत्रों में संवेदनशील इलाकों की पहचान कर सुरक्षा व्यवस्था का समुचित प्रबंधन किया जा रहा है तथा आवश्यकता होने पर केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी। जोरावार्ता