राज्य » राजस्थानPosted at: Jan 17 2025 10:25PM पक्षी एवं पर्यावरण संरक्षण भारतीय लोक जीवन का अहम हिस्सा: रावतउदयपुर, 17 जनवरी (वार्ता) वन विभाग के तत्वावधान में उदयपुर बर्ड फेस्टिवल के 11वें संस्करण का शुभारंभ शुक्रवार को यहां सांसद डॉ मन्नालाल रावत के मुख्य आतिथ्य में हुआ। सिसारमा रोड़ स्थित कालका माता नर्सरी परिसर के गोल्डन पार्क मे आयोजित तीन दिवसीय बर्ड फेस्टिवल के पहले दिन बर्ड वॉचिंग, स्कूली बच्चों के लिये पेंटिंग एवं क्विज स्पर्धायें हुईं। वहीं सूचना केंद्र परिसर में पक्षी आधारित फोटो एवं डाक टिकट प्रदर्शनी का भी शुभारंभ हुआ। अपराह्न पश्चात ओटीएस परिसर में नेचर लिट्रेरी फेस्टिवल और कांफ्रेन्स में देश भर से आए ख्यातनाम पक्षी एवं पर्यावरण विशेषज्ञों ने भाग लिया।समारोह को संबोधित करते हुये सांसद डॉ रावत ने कहा कि भारत में पक्षी और पर्यावरण संरक्षण लोक जीवन का हिस्सा रहा है। आज भी गांव-देहातों में बड़े-बुजुर्गों द्वारा कटे हुये नाखूनों को इधर-उधर न फेंकने का सुझाव देते हुये कहा जाता है कि कटे हुये नाखून यदि खुले में फेंके तो चिड़िया इसे चावल समझ कर खा जायेगी और इससे उसकी मौत भी हो सकती है। भारतीय जीवन शैली में ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं। उन्होंने बर्ड फेस्टिवल जैसे आयोजनों को युवा पीढ़ी के लिये काफी महत्वपूर्ण बताते हुये ऐसे कार्यक्रमों का दायरा बढ़ाने की भी आवश्यकता जताई। उन्होंने पक्षी और पर्यावरण संरक्षण के लिये प्रकाशित किये जाने वाले जनजागरूकता साहित्य को हिंदी-अंग्रेजी के साथ मेवाड़ी में भी प्रकाशित करने का आग्रह किया।समारोह को उदयपुर विधायक ताराचंद जैन, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के सीईओ रविसिंह ने भी संबोधित किया। रामसिंह.श्रवण वार्ता