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शैक्षिक सम्मेलनों से शिक्षकों को प्रेरणा मिलने का अवसर मिलेगा: दीया कुमारी

जयपुर, 17 जनवरी (वार्ता) राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा है कि शैक्षिक सम्मेलनों से शिक्षकों को प्रेरणा लेने का अवसर मिलेगा।
दिया कुमारी शुक्रवार को सीकर जिले के बाबा खीवादास पीजी महाविद्यालय सांगलिया में आयोजित राजस्थान शिक्षक संघ अंबेडकर के राज्य स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बाेधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन शिक्षा के क्षेत्र में नये विचारों, योजना और नवाचारों को प्रोत्साहित करते हैं। राजस्थान शिक्षक संघ अम्बेडकर द्वारा किये जा रहे इस आयोजन के माध्यम से शिक्षकों को प्रेरणा और मार्गदर्शन मिलने का अवसर मिलेगा, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सकेगा।
दिया कुमारी ने कहा कि खींवादासजी महाराज ने हमेशा मानव एवं जीव सेवा को प्राथमिकता देते हुए समाज को जागरूक किया और शिक्षित एवं सशक्त समाज पर बल दिया। शिक्षक संघ अंबेडकर शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करने का कार्य निरंतर कर रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर ने हमेशा शिक्षित समाज की कल्पना की थी और उनके आदर्श अब भी अनुकरणीय हैं। संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर के सम्मान में सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाए जाने की पहल की है।
दिया कुमारी ने कहा कि शिक्षक का कार्य विद्यार्थी को शिखर तक ले जाना होता है। हमारी भारतीय संस्कृति में गुरु को त्रिदेव के समान माना गया है। उन्होंने शिक्षक संघ की सभी समस्याओं एवं मांगों को यथासंभव पूरा करने की बात कही।
इससे पूर्व उन्होंने सांगलिया में बाबा खींवादास जी महाराज की धूनी पर जाकर दर्शन किये। इस अवसर पर पीठाधीश श्री श्री 108 ओम दास जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया।
कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि राजस्थान शिक्षक संघ अंबेडकर के पदाधिकारी आज के शिक्षक सम्मेलन में शिक्षा संबंधी सुधारों के सुझाव एवं प्रस्ताव राज्य सरकार तक पहुंचाएं ताकि शिक्षा में आवश्यक सुधार किए जा सकें। उन्होंने कहा कि हम मैकाले की शिक्षा नीति से बाहर निकलकर देश की स्वदेशी गुरुकुल शिक्षा पद्धति को समझें क्योंकि यह पद्धति जीवन के हर पहलू को शिक्षित करती है।
श्री खर्रा ने कहा कि शिक्षक डॉ. भीमराव अंबेडकर के आदर्शों को जीवन में उतारकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। शिक्षक संत रविदास जी की तरह स्वयं को प्रतिस्थापित करें। उन्होंने शिक्षक संघ के पदाधिकारियों को नई शिक्षा नीति में आवश्यक सुधारों से संबंधित सुझाव देने का अनुरोध करते हुए कहा कि शिक्षक अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा से निर्वहन करें ताकि भावी पीढ़ी को शिक्षित एवं संस्कारवान बनाया जा सके। श्री खर्रा ने कहा कि केवल पुस्तक पढ़कर विद्या प्राप्त करना पर्याप्त नहीं है, जब तक विद्यार्थी आपकी बात नहीं समझेंगे तब तक शिक्षकों की मेहनत सफल नहीं होगी। इस अवसर पर शिक्षक संघ द्वारा शिक्षकों की समस्याओं से संबंधित मांगपत्र उन्हें सौंपकर अपनी बात रखी।
कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री मंजू बाघमार, धोद विधायक गोवर्धन वर्मा, खंडेला विधायक सुभाष मील, खाजूवाला विधायक विश्वनाथ मेघवाल, रत्ती लाल बैरवा, गाजानंद कुमावत, शिक्षक संघ प्रदेश अध्यक्ष सत्यप्रकाश, सहित जनप्रतिनिधि, शिक्षक संघ के पदाधिकारी एवं राज्यभर से आए शिक्षक संघ के पदाधिकारी एवं शिक्षकगण उपस्थित रहे।
सुनील.संजय
वार्ता
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