राज्य » राजस्थानPosted at: Jan 18 2025 8:33PM स्वामित्व योजना से ग्रामीण और आमजन की मूल समस्या का निदान हुआ: शेखावतजोधपुर, 18 जनवरी (वार्ता) केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि स्वामित्व योजना से भारत के ग्रामीण और आमजन की मूल समस्या का निदान हुआ है। श्री शेखावत ने शनिवार को राजस्थान में जोधपुर के डॉ. एस एन मेडिकल कॉलेज के सभागार में जोधपुर जिला परिषद द्वारा आयोजित स्वामित्व योजना के तहत आबादी भूमि पट्टा एवं सम्पत्ति भूखंड वितरण के जिला स्तरीय कार्यक्रम में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य के करीब तीन लाख से अधिक गांवों में इस योजना के तहत भूमि का चिह्नीकरण हो चुका है। फलोदी और जोधपुर की 46 ग्राम पंचायतें आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस कार्यक्रम से जुड़े। ऐसे सारे गांव जहां यह काम और व्यवस्था चल रही है, यह कार्यक्रम उनकी उम्मीदों को बल देगा। इससे वर्षों से संजोया सपना आज पूरा हुआ है।श्री शेखावत ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के तहत भी स्वामित्व योजना का अपना महत्व है, क्योंकि इस योजना के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को भूमि स्वामित्व का अधिकार भी मिल रहा है। उन्होंने स्वामित्व योजना के सभी लाभार्थियों को शुभकामनायें दीं और इस अधिकार के साथ उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।इस अवसर पर जोधपुर जिले की 46 ग्राम पंचायतों में 4047 पट्टों का वितरण किया गया। शेष 115 ग्राम पंचायतों में 6220 पट्टों का वितरण आगामी कार्यक्रमों में किया जायेगा।इस अवसर पर श्री शेखावत, राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत, संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह, जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. धीरज कुमार सिंह सहित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी और लाभान्वित उपस्थित रहे।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली से इस जिला स्तरीय कार्यक्रम में लाभार्थियों से वर्चुअल संवाद किया और भूमि स्वामित्व पाने वाले लाभान्वितों को शुभकामनायें दीं। इसी के साथ जिले की 46 ग्राम पंचायतों में लाइव स्वामित्व योजना के तहत लाभार्थियों को प्रशिक्षण भी दिया गया।इस अवसर पर राजस्थान प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने कहा कि इस योजना के लाभ स्वरूप ग्रामीण जन अपनी भूमि, अपनी धरोहर के स्वामित्व को पायेंगे। इस योजना के तहत प्राप्त पट्टों से आने वाली हजार पीढ़ियों के लिये एक पक्का दस्तावेज उपलब्ध हो जायेगा। स्वामित्व योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण के माध्यम से स्पष्ट भूमि, संपत्ति अधिकार प्रदान करना है। इस योजना के तहत ड्रोन और भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे लाखों ग्रामीणों को लाभ हुआ है। अब तक 31 राज्यों और केंद्र शासित राज्यों में तीन लाख 17 हजार से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण किया जा चुका है और दो करोड़ 19 लाख करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किये जा चुके हैं। स्वामित्व योजना के तहत लाभार्थियों को दिये गये संपत्ति कार्ड, बैंक ऋण प्राप्त करने में मदद करते हैं और सेठ-साहूकारों पर निर्भरता कम करते हैं। इसके अलावा, इस योजना में महिलाओं को भी भूमि स्वामित्व का अधिकार दिया जा रहा है, जिससे महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा।यह योजना ग्रामीण बुनियादी ढांचे को सुधारने, ग्राम पंचायतों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और अनियोजित विकास की समस्याओं का समाधान करने में मदद करेगी। साथ ही, इस योजना के माध्यम से रोजगार के नये अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं।सुनील.श्रवण वार्ता