राज्य » राजस्थानPosted at: Jan 20 2025 7:04PM जैसलमेर:धनवा गांव में 2200 साल पुरानी रंगकालीन सभ्यता के अवशेष मिलेजैसलमेर 20 जनवरी (वार्ता) राजस्थान में जैसलमेर से 18 किलोमीटर दूर पालीवाल ब्रह्मीणो के परित्याग गांव धनवा के पास पुरातात्विक विदों की रिसर्चर टीम को करीब 2200 साल पुरानी रंगकालीन सभ्यता के अवशेष मिले हैं। यह सभ्यता राजस्थान विश्वविद्यालय के शोधार्थी दिलीप कुमार माली एवं जैसलमेर के जाने माने इतिहासकार पार्थ जगाणी को मिली है। जिसकी पुष्टि राजस्थान विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं पुरातत्वविद डॉ तमेघ पंवार एवं सुखाड़िया यूनिवर्सिटी उदयपुर के पुरातत्वविद प्रोफेसर जीवन सिंह खरकवाल आदि अन्य विसेसग्यो ने की है, द्वितीय शताब्दी ईस्वी पूर्व से लगाकर तृतीय शताब्दी ईस्वी पूर्व तक जिसमे मौर्यकालीन का पतन व कुषाण कालीन की शुरुआत के मृदभांड, मटकियों के टुकड़े, रसोई में काम आने वाले बर्तनों का अवशेष घटनास्थल से मिले है। इस पूरे मामले में शोधार्थी दिलीप कुमार माली ने बताया कि वे इन दिनों राजस्थान यूनिवर्सिटी में पुरातात्विक विषय पर शोध कर रहे है। उन्होंने बताया कि घनवा गांव के पास लगभग 20 गुणा 5 मीटर का एक छोटा सा टीबा है जहां से द्वितीय शताब्दी ईस्वी पूर्व से लगाकर तृतीय शताब्दी ईस्वी पूर्व तक के मृदभांड एवं अन्य महत्वपूर्ण अवशेष चारो ओर बिखरे मिले है। जिसके संबंध में हाल ही में राजस्थान विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं पुरातत्वविद डॉ तमेघ पंवार द्वारा इस टीले का दौरा किया गया एवं यहां से कुछ चयनित नमूने लेकर इस सभ्यता को प्रमाणित किया गया है। जिसकी पुष्टि राजस्थान के जाने माने सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के पुरातत्वविद प्रोफेसर जीवन सिंह खरकवाल ने की है। श्री माली ने बताया कि इस टीले की ऊंचाई लगभग दो मीटर के आसपास है एवं यह टीला बहुत ही छोटा है जिसका संरक्षण अति आवश्यक है। यहां से लोहे के अयस्क भी प्राप्त हुए है जो लोहे के व्यापार एवं उपलब्धता को दर्शाते है। मृदभांडों के टुकड़े इस क्षेत्र में लगभग 200 मीटर तक देखने को मिले हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि इस महत्वपूर्ण स्थान को संरक्षित करने के संबंध आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिये।सं.रामसिंह.संजय वार्ता