Friday, Dec 13 2024 | Time 23:04 Hrs(IST)
image
राज्य » उत्तर प्रदेश


किन्नरों को शिक्षित करने के लिए काम करेंगी महामंडलेश्वर हिमांगी सखी

प्रयागराज,29 अक्टूबर (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ 2024 में वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाली किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने कहा कि वैष्णव किन्नर अखाड़े का गठन करके उसमें देश-दुनिया के किन्नरों को जोड़ने का काम करेंगी और उन्हें शिक्षित करके एक नई दिशा देने का प्रयास करेंगी।
पांच भाषाओं में श्रीमद्भागवत कथा सुनाने वालीं देश की पहली किन्नर कथावाचक महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा “ किन्नरों को आज भी समाज में उपेक्षा का शिकार होना पड़ा रहा है। उन्हें समाज में आज भी सम्मान से नहीं देखा जाता। उन्होंने कहा कि आज बहुत से किन्नर बच्चे शिक्षा लेना चाहते हैं लेकिन उन्हें कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। उन्हें जीवन यापन के लिए दूसरों के आगे हाथ फैलाना पड़ रहा है।”
महामंडलेश्वर ने बताया कि वह किन्नर समाज के उत्थान के लिए चुनाव मैदान में उतरी थीं। “ बेटी बचाओ- बेटी पढाओ” को मोदी जी ने नारा दिया लेकिन किन्नरों के लिए क्यों नहीं कुछ सोचा। वह किन्नर समाज को उनका अधिकार और सम्मान दिलाने के लिए चुनाव लड रही थीं और महाकुंभ मेले में वैष्णव किन्नर अखाड़े का गठन करके उसमें देश-दुनिया के किन्नरों को जोड़ने का काम करेंगी और उन्हें शिक्षित करके एक नई दिशा देने का प्रयास करेंगी।
उन्होंने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा माॅरीशस, सिंगापुर, बैंकाक, हांगकांग, के बाद अब शीघ्र लंदन भी कथा करने जाएंगी। उन्होंने बताया वह किन्नर अर्धनारीश्वर धाम का शिविर महाकुंभ क्षेत्र में लगाएंगी। इसके साथ ही शिविर में श्रीमद्भागवत् गीता की कथा करेंगी।
किन्नर महामंडलेश्वर ने बताया कि वह महाकुंभ में देश-विदेश से बड़ी संख्या में किन्नर यहां आऐंगे और उन्हें यहा शिविर में शिक्षित दीक्षित भी किया जाएगा। किन्नरों का शिविर में पट्टाभिषेक के साथ महामंडलेश्वर और मंडलेश्वर भी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि चाहे अर्द्धनारीश्वर धाम हो, किन्नर अखाड़ा हो अथवा किन्नर धाम ही क्यों न/न हो हम एक जुट होकर समाज के सामने आएंगे और किन्नरों को उनका सम्मान और अधिकार दिलाने का काम करेंगे।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब चार से आठ, आठ से 10 और अब 13 अखाडे हैं तो 14वां अखाड़ा क्यों नहीं बन सकता। हमको किसी अखाडे से परमीशन लेने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि वह 50 हजार महामंडलेश्वर तो नहीं बना सकती जितना भी हो सकेगा उतना किन्नरों को महमंडलेश्वर और मंडलेश्वर बनाने का कार्य महाकुंभ में किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 2025 के महाकुंभ में यही संदेश देने का काम करेंगे कि हम न/न तो आचार्य महामंडलेश्वर और न ही महामंडलेश्वर बल्कि हम सब अर्धनारीश्वर हैं , बेशक हमारे घर अलग-अलग होंगे, लेकिन परिवार एक है, एक थे और हमेशा एक रहेंगे और किन्नर समाज और उनके अधिकार के लिए सतत प्रयास करते रहेंगे
दिनेश प्रदीप
वार्ता
image