राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Nov 2 2024 5:35PM महाकुंभ से 45 हजार से अधिक परिवारों को मिलेगा रोजगारप्रयागराज, 02 नवंबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास कर रही है और आगामी महाकुंभ इस पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को इस संबंध में जानकारी दी।सूत्रों ने कहा कि अनुमान है कि इस भव्य आयोजन से जुड़े प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों से 45,000 से अधिक परिवारों को लाभ होगा।गौरतलब है कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयागराज में कई प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इन पहलों का उद्देश्य विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं के कौशल को बढ़ाना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे महाकुंभ के दौरान आने वाले आगंतुकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हों।मौजूदा व्यवसायों को समर्थन देने के अलावा, इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों से विभिन्न धार्मिक पर्यटन स्थलों के आसपास रोजगार के नए स्रोत पैदा होने की उम्मीद है, जिससे क्षेत्र के आर्थिक विकास में और योगदान मिलेगा।योगी सरकार ने यूपी में पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए कई पहल की हैं, जिसमें नई पर्यटन नीति-2022 को मंजूरी देना भी शामिल है, जिससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिला है। नीति का लक्ष्य 20,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना और 10 लाख लोगों के लिए रोजगार सृजित करना है।इसका मुख्य उद्देश्य पर्यटन उद्योग में सेवा प्रदाताओं को कौशल विकास और प्रबंधन प्रशिक्षण से जोड़ना है। प्रयागराज महाकुंभ इस प्रयास के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य कर रहा है।प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने बताया कि महाकुंभ के दौरान पर्यटकों से संपर्क करने वाले सभी सेवा प्रदाताओं के लिए एक प्रशिक्षण अभियान शुरू किया गया है। इसमें नाविकों, टूर गाइडों, स्ट्रीट वेंडरों और अन्य को कौशल विकास और प्रबंधन का प्रशिक्षण देना शामिल है।योगी सरकार यूपी में धार्मिक स्थलों के पास नदियों में काम करने वाले नाविकों की भूमिका को बढ़ा रही है, ताकि उनकी आय बढ़े और उनका कौशल विकसित हो। पर्यटन विभाग इसके लिए 2,000 नाविकों को प्रशिक्षण दे रहा है।सुश्री सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण को सुविधाजनक बनाने के लिए मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान और एक अन्य संस्था के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। उन्होंने कहा “ अब तक 300 नाविकों को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिससे वे नौकायन के साथ-साथ नदी गाइड की अतिरिक्त भूमिका भी निभा सकेंगे। इस पहल का उद्देश्य हजारों नाविकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना और पर्यटन स्थलों के समग्र वातावरण में सुधार करना है।” पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग इन स्थलों पर सेवा प्रदाताओं की क्षमताओं को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसे हासिल करने के लिए वे प्रयागराज में 1,000 टूर गाइडों को कौशल विकास और प्रबंधन प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस प्रशिक्षण का नेतृत्व लखनऊ में मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान के सहायक प्रोफेसर प्रखर तिवारी कर रहे हैं। श्री तिवारी ने कहा कि टूर गाइडों के सात बैचों को पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है, जिनमें से 420 टूर गाइड अब कार्यक्रम पूरा करने के बाद अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हैं। आगंतुकों के लिए गुणवत्तापूर्ण सेवा सुनिश्चित करने के लिए पर्यटन क्षेत्र में प्रशिक्षित श्रमिकों का एक समूह बनाने की सख्त जरूरत है। महाकुंभ में आने वाले पर्यटकों की बड़ी संख्या को समायोजित करने के लिए यह कुशल जनशक्ति महत्वपूर्ण होगी। प्रयागराज के आरटीओ ने कहा कि पर्यटन विभाग पर्यटन उद्योग से जुड़े सभी सेवा प्रदाताओं के कौशल को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। टूर गाइड और नाविकों को प्रशिक्षित करने के अलावा, विभाग अब शहर में स्ट्रीट वेंडर्स और टैक्सी ड्राइवरों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्ट्रीट वेंडर्स शहरी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, स्थानीय लोगों को आवश्यक सामान की आपूर्ति करते हैं और पर्यटकों के साथ बातचीत भी करते हैं। इन विक्रेताओं के लिए प्रशिक्षण उनके ग्राहक सेवा कौशल में सुधार और पर्यटन स्थलों पर स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है। पर्यटन विभाग ने प्रयागराज में 600 स्ट्रीट वेंडर्स और 600 टैक्सी ड्राइवरों के लिए प्रशिक्षण शुरू किया है, जिसमें से 250 स्ट्रीट वेंडर्स और 120 टैक्सी ड्राइवरों को पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है। योगी सरकार की नई पर्यटन नीति इस क्षेत्र के लिए गेम चेंजर साबित हो रही है, जिससे रोजगार के कई अवसर पैदा हो रहे हैं। महाकुंभ से पहले इन सेवा प्रदाताओं के लिए कौशल विकास और प्रबंधन प्रशिक्षण के प्रावधान से बड़े पैमाने पर युवाओं के लिए रोजगार पैदा होने और उनकी आय में वृद्धि होने की संभावना है। सुश्री सिंह का अनुमान है कि इस प्रशिक्षण पहल से 45,000 से अधिक परिवार लाभान्वित होंगे, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त करेंगे और धार्मिक पर्यटन स्थलों के आसपास रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।सोनियावार्ता