श्रीनगर, 18 अक्टूबर (वार्ता) अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के प्रमुख एवं उत्तरी कश्मीर से सांसद अब्दुल रशीद शेख ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मिलीभगत है।
मीडियाकर्मियों से बातचीत में श्री रशीद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की मांग करने वाला कैबिनेट का प्रस्ताव नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के पहले दिन से किए जा रहे दावों के विपरीत है।
श्री रशीद ने कहा,“ मैं मुख्यमंत्री को याद दिलाना चाहता हूं कि उन्होंने राज्य का दर्जा, अनुच्छेद 370 और 35ए के मुद्दे पर चुनाव लड़ा था, लेकिन केवल राज्य का दर्जा बहाल करने पर प्रस्ताव पारित करना बहुत दुखद है।”
उन्होंने कहा,“ नेकां ने अनुच्छेद 370 और अन्य संबंधित चीजों के खिलाफ लड़ाई का वादा किया था, लेकिन सच्चाई यह है कि उमर केवल राज्य का दर्जा बहाल करने पर ध्यान केंद्रित करके मुख्य मुद्दों से भटक रहे हैं।यह स्पष्ट है कि उमर की भाजपा से मिलीभगत है। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने वादा किया है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, तो फिर उमर भी यही मांग क्यों कर रहे हैं, अनुच्छेद 370 और 35ए के मुद्दे से भटकना महज दिखावा है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और नेकां के बीच कुछ गड़बड़ है या पहले ही पक चुकी है।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को जल्द या बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करना है और श्री अब्दुल्ला सिर्फ राज्य के मुद्दे पर शहीद के तौर पर गिने जाना चाहते हैं और अन्य मुख्य मुद्दों से भटकना चाहते हैं।
उन्होंने श्री अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार से कहा कि वह स्पष्ट करे कि उनकी सरकार की राजधानी कौन-सी होगी, क्योंकि जम्मू-कश्मीर में दरबार मूव की पारंपरिक द्विवार्षिक प्रथा समाप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि दरबार मूव की प्रथा जारी रहनी चाहिए, ताकि दोनों क्षेत्रों के बीच संबंध बने रहें।
एक सवाल के जवाब में श्री राशिद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर समस्या का समाधान लोगों की सहमति से होना चाहिए। उन्होंने कहा,“अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या किसी और के पास इस समस्या का कोई बेहतर समाधान है, तो उन्हें बातचीत करके इसका समाधान निकालना चाहिए। कश्मीर के लोगों को जीने दें, भारत के लोगों को जीने दें और पाकिस्तान के लोगों को जीने दें और इस मुद्दे के साथ न्याय करके उपमहाद्वीप में शांति कायम होने दें।”
सोनिया,आशा
वार्ता