नयी दिल्ली, 01 जनवरी (वार्ता) दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि केंद्र सरकार के अधीन धार्मिक कमेटी ने दिल्ली में कई मंदिरों और बौद्ध स्थलों को तोड़ने का आदेश दिया है जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसे नकार रही है।
आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में कई सारे मंदिरों और बौद्ध धर्म के मंदिरों को तोड़ने की योजना बना रही है। दिल्ली में एक धार्मिक कमिटी होती है जो मंदिरों की शिफ्टिंग और धार्मिक स्थल की तोड़फोड़ जैसे कामों को लेकर फैसला लेती है। यह धार्मिक कमिटी दिल्ली सरकार के गृह मंत्री के अधीन आती थी लेकिन पिछले साल दिल्ली के उपराज्यपाल ने यह आदेश दिया कि किसी भी धार्मिक स्थल की तोड़फोड़ कानून-व्यवस्था का मुद्दा है और कानून-व्यवस्था का मुद्दा होने के नाते यह केंद्र सरकार और उपराज्यपाल के अधीन आता है।
उन्होंने कहा कि धार्मिक कमिटी की अध्यक्षता प्रमुख सचिव (गृह) करते हैं। प्रमुख सचिव गृह की नियुक्ति केंद्र सरकार के द्वारा की जाती है। केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त प्रमुख सचिव फैसला लेता है और उस फैसले को केंद्र सरकार के नुमाइंदे उपराज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजता है। उन्होंने कहा कि हमने मंगलवार को जब उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखी तो उनके कार्यालय ने कई मीडिया वालों को कहा कि ऐसा कोई भी निर्णय मंदिर तोड़ने का नहीं हुआ। यह सरासर झूठ है। जबकि सच यह है कि 22 नवंबर को धार्मिक कमिटी की बैठक हुई है और उसमें कई मंदिर तोड़ने का फैसला हुआ है।
सुश्री आतिशी ने कहा कि यहाँ कई मंदिर जो सुंदर नगरी, सीमापुरी, सुल्तानपुरी, वेस्ट पटेल नगर, न्यू उस्मानपुर शामिल हैं। इन इलाकों में कई मंदिरों को तोड़ने का फैसला 22 नवंबर को धार्मिक कमिटी ने लिया है। उसके बाद उसकी फाइल उपराज्यपाल के पास भेजी गई और उन्होंने इस फाइल को मंजूरी दे दी है। अब डीडीए, एमसीडी, दिल्ली पुलिस और संबंधित डीएम-एसडीएम इन सब मंदिरों को तोड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले साल भी इसी तरह पटपड़गंज के एक इलाके विनोद नगर में शनि मंदिर के एक हिस्से को खुलेआम तोड़ा गया था। वह केंद्र सरकार के आदेश द्वारा तोड़ा गया था।
आजाद.संजय
वार्ता