नयी दिल्ली 25 दिसम्बर (वार्ता) केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को यहां उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में उत्तराखंड में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
श्री शाह ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं। उन्होंने श्री धामी को जल्द से जल्द नए आपराधिक कानूनों को शत-प्रतिशत कार्यान्वित करने को कहा।
उन्होंने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केन्द्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार को नए कानूनों पर शत-प्रतिशत अमल की दिशा में तकनीक और अन्य क्षेत्रों में कमियों को दूर करना चाहिएं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज़्यादा प्राथमिकी दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस थानों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के हर ज़िले में एक से अधिक फॉरेन्सिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों। फॉरेन्सिक विज़िट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों – गंभीर, सामान्य और अति सामान्य में विभाजित करना चाहिए जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।
श्री शाह ने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर निगरानी होनी चाहिए कि दर्ज की गई कुल जीरो प्राथमिकी में से कितनी में न्याय मिला और कितनी अन्य राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए। श्री शाह ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा निर्धारित समयसीमा के तहत मामलों की जांच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।
बैठक में उत्तराखंड में पुलिस, जेल, अदालत, अभियोजन और फॉरेन्सिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो के महानिदेशक, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के महानिदेशक, केन्द्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
संजीव अशोक
वार्ता