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एकीकृत कीट प्रबंधन प्रणाली लागू कर रही है सरकार

नयी दिल्ली 06 दिसंबर (वार्ता) केंद्र सरकार के कृषि आयुक्त डॉ. पी.के. सिंह ने कृषि में स्थिरता के महत्व पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि भारतीय कृषि प्रणाली में सतत् प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) प्रणाली लागू की जा रही है।
डाॅ सिंह ने यहां “एग्रीकल्चर एंड रूरल कम्युनिकेशन समिट 2024” के दूसरे संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि रासायनिक और उर्वरक के प्रयोग कम करने के लिए नयी बीज किस्मों का विकास कर रही है। इन प्रयासों में करने के लिए प्रभावी संचार महत्वपूर्ण है और किसानों को सतत् प्रक्रियाओं के बारे में शिक्षित करना, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, कार्यशालाओं और प्रदर्शनों के माध्यम से यह प्राप्त किया जा सकता है।
शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - आईसीएआर के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. राजर्षि रॉय बर्मन ने कहा कि आईसीआरए ने डिजिटल वितरण प्रणाली की दिशा में कई कदम उठाए हैं। मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश, झारखंड, राजस्थान और बिहार जैसे पांच राज्यों में विस्तार एआई - चैटबॉट की शुरुआत की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के आर्थिक विकास और सतत वृद्धि में ग्रामीण और कृषि क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इस अवसर पर‘द स्नेलशो कॉफी टेबल बुक’ और ‘रूरल कम्युनिकेशन और एग्रीकल्चर इन इंडिया: पाथवेज़ टू अ विकसित भारत 2047’ पर परिपत्र जारी किया गया।
एसएमएल लिमिटेड के अध्यक्ष दीपक शाह ने कहा कि भारतीय कृषि को बढ़ावा देने के लिए, आयात पर निर्भरता कम करने, स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और नई प्रौद्योगिकियों के बारे में किसानों के साथ संचार में सुधार करने की आवश्यकता है।
सत्या अशोक
वार्ता
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