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कपास का भाव बाजार की नरमी से न्यूनतम समर्थन मूल्य के इर्द गिर्द

कपास का भाव बाजार की नरमी से न्यूनतम समर्थन मूल्य के इर्द गिर्द

नयी दिल्ली, 01 जनवरी (वार्ता) देश में कपास का औसत बाजार भाव वर्ष 2024 के दौरान सुस्ती के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के स्तर पर मँडरा रही है और एक सप्ताह पूर्व तक 42 लाख गांठ से अधिक कपास की सरकारी खरीद की जा चुकी थी।

सरकार ने कपास विपणन वर्ष 2024-25 के लिए कपास का एमएसपी 7,121 रुपये प्रति क्विंटल (औसत लम्बाई के रेशे)और 7521 रुपये (लंबे रेशे की कपास) प्रति क्विंटल तय किया है।

सरकार कपास के लिए एमएसपी योजना भारतीय कपास निगम (सीसीआई)के जरिए चलाती है। कपड़ा मंत्रालय के अनुसार सीसीआई ने अक्टूबर 2024 से एमएसपी खरीद अभियान शुरू किया है और गत 22 दिसंबर तक एमएसपी योजना के तहत 16,215 करोड़ रुपये मूल्य के लगभग 42.11 लाख गांठ कपास की खरीद की है।

उपरोक्त खरीद से सभी कपास उत्पादक राज्यों में लगभग 7.75 लाख कपास किसानों को लाभ हुआ है।

भारत विश्व का सबसे बड़ा कपास उत्पादक है।

मंत्रालय के अनुसार सीसीआई ने कपास के किसानों की सुविधा के लिए एमएसपी संचालन के तहत कपास और कपड़ा क्षेत्र के लाभ के लिए सीसीआई ने ऑन स्पॉट आधार प्रमाणीकरण (ओटीपी/बायोमेट्रिक उपकरण के माध्यम से) आधारित किसान पंजीकरण अनिवार्य किया गया।

कपास सीजन 2024-25 से किसानों को भुगतान के लिए एसएमएस सेवा शुरू की गई। बिल जनरेट होने और भुगतान की पुष्टि होने के बाद, किसानों को उनके आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर सूचना प्राप्त होती है। एमएसपी का लाभ वास्तविक कपास किसानों को मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय स्वचालित समाशोधन गृह (एनएसीएच) के माध्यम से कपास किसानों के आधार से जुड़े बैंक खातों में सीधे शत-प्रतिशत भुगतान किया जाएगा।

सूती वस्त्र उद्योग के प्रोत्साहन की पहल के तहत कस्तूरी कॉटन इंडिया के ब्रांड को प्रीमियम गुणवत्ता वाले भारतीय कपास को एक विशिष्ट पहचान देने के लिए ट्रेडमार्क के रूप में पंजीकृत किया गया है। कस्तूरी कॉटन के उद्गम की पहचान की व्यवस्था से इसके कारोबार में जवाबदेही को बढ़ावा मिलेगा।

मंत्रालय का कहना है कि कस्तूरी कॉटन इंडिया छाप से अंतर्राष्ट्रीय ब्रांडों के लिए भारतीय कपास की आपूर्ति श्रृंखला में पारदर्शिता होगी। अतिरिक्त लंबे रेशे की कपास (ईएलएस) के व्यापार में प्रमाणिकता और सुविधा के लिए एक अलग एचएसएन कोड भी पेश किया गया है। ईएलएस कपास की श्रेणी में रेशे की लंबाई 32-36 मिमी के बीच होती है । भारत में उत्पादित ज्यादातर कपास 26-30 मिमी (लगभग 80 प्रतिशत 29 मिमी) है, जिसे मध्यम श्रेणी का माना जाता है।

केंद्र में नयी सरकार के गठन के पहले सौ दिन की प्रमुख पहलों में हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए 100 क्लस्टरों में 3,627 कारीगरों और बुनकरों के कौशल विकास के लिए बुनकर और कारीगर उत्थान कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

इस दौरान 10वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उत्सव आयोजित किया गया तथा उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में कारीगरों के लिए शिल्प पर्यटन गाँव और सामान्य सुविधा केंद्र जैसी विकास परियोजनाएँ शुरू की गयीं।

इसके अलावा तकनीकी वस्त्रों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन और नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन के के तहत 11 स्टार्टअप का शुभारंभ और भारत की पहली एआई-आधारित फैशन प्रवृत्ति पूर्वानुमान प्रणाली विजननेक्स्ट की शुरूआत भी की गयी।

वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरावती (महाराष्ट्र) में पीएम मित्र पार्क की नींव रखी जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक कपड़ा केंद्र के रूप में स्थापित करना है। 1000 एकड़ में फैले इस पार्क को महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) द्वारा राज्य कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में विकसित किया जा रहा है।

मनोहर, उप्रेती

वार्ता

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