जयपुर 08 दिसंबर (वार्ता) राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इंडोनेशिया को धार्मिक, सिंगापुर को पर्यटन एवं जापान को तकनीक एवं अनुशासन में आगे बताते हुए कहा है कि इनसे सीख लेकर देश में शिक्षा एवं पर्यटन को और बढ़ावा दिया जा सकता है।
श्री देवनानी ने ‘यूनीवार्ता’ से बातचीत में पिछले दिनों आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर एवं जापान की अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि भले ही ये देश इन क्षेत्रों में आगे हैं लेकिन भारतीय इनसे भी आगे हैं और वे अपनी मेहनत, व्यवहार एवं स्वभाव से सब जगह अपनी जगह बनाये हुए हैं। उन्होंने बताया कि इन देशों में उन्हें हर जगह भारतीय मिले जिनमें मारवाड़ी, सिख एवं सिंधी वर्ग के लोग ज्यादा थे।
उन्होंने बताया कि इंडोनेशिया में शिक्षा का स्तर बहुत अच्छा हैं और वहां की शिक्षा पद्धति अलग हैं जिससे वह काफी प्रभावित हुए। उन्होंने सिंगापुर से पर्यटन के क्षेत्र में बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि वहां जिस तरह से पर्यटन स्थल विकसित किए गए हैं उन्हें दूर दूर से लोग देखने के लिए आते हैं। इसी तरह अपने यहां भी पर्यटन स्थ्लों पर नयापन लाने और उन्हें विकसित करने पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
श्री देवनानी ने बताया कि पिछले दिनों आस्ट्रेलिया के सिडनी में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के 67वें सम्मेलन में लिंग आधारित हिंसा के विरुद्घ भेदभावपूर्ण कानूनों का मुकाबला-365 सक्रियता विषय पर जो विचार आये उससे यह कहा जा सकता हैं महिलाओं को जो अधिकार एवं सम्मान भारत में मिलता हैं वह अन्य देशों में नजर नहीं आता हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री मातृवंदन योजना, नारी शक्ति वंदन योजना, बेटी बचाओ बेटी पढाओं योजना, प्रधामंत्री जनधन योजना, मिशन शक्ति योजना, सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन याजना, महिला शक्ति केन्द्र योजना, सुकन्या समृद्धि योजना एवं महिला समृद्धि योजना जैसी अनेक योजनाओं ने भारत में महिलाओं को सशक्त एवं सुरक्षित बनाया हैं और इनका बेहतर परिणाम समाज में सामने आ रहे हैं ये लिंग आधारित भेदभाव एवं हिंसा को रोकने में कारगर साबित हो रही है।
उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में जापान को एडवांस बताते हुए कहा कि एआई ने विधानसभाओं को नियमित कामकाज को सुव्यवस्थित करने और जटिल आंकड़ों का विश्लेषण करने के नए अवसर दिए हैं ओर राजस्थान विधानसभा में सदन की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जा रहा हैं। राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन के माध्यम से विधानसभा की सभी प्रक्रियाओं को डिजिटल किया जा रहा हैं। इससे विधानसभा का सारा कामकाज कागज रहित हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंड संसदीय संघ के मानक, मानकीकरण एवं दिशा निर्देश राज्य विधानसभा के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं इनसे निष्पक्ष प्रक्रियाओं एवं प्रक्रियात्मक परिणामों के मूल सिद्धांतों के पालन में मदद मिल रही है। इससे लोगों का सार्वजनिक संस्थाओं के प्रति विश्वास मजबूत हो रहा है तथा लोकतांत्रिक जीवन की गुणवता बनी हुई हैं।
उन्होंने बताया कि इस अवसर पर राजस्थान विधानसभा एवं इसमें किए गए नवाचारों के बारे में बताने पर वहां के लोग इससे काफी प्रभावित हुए और उन्होंने राजस्थान विधानसभा देखने की इच्छा जताई। इस अवसर वहां के लोगों को राइजिंग राजस्थान में भाग लेने के लिए भी आमंत्रित किया गया।
जोरा
वार्ता