वाशिंगटन, 29 नवंबर (वार्ता) अमेरिका अपने परमाणु त्रिकोण परमाणु हथियार, मिसाइल और रणनीतिक बमवर्षक ले जाने वाली पनडुब्बियां को उन्नत कर रहा है।
आरआईए नोवोस्ती की ओर से प्राप्त रोसकांग्रेस फाउंडेशन की एक रिपोर्ट में कहा गया “ नए एलजीएम-35 सेंटिनल अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का विकास जारी है, जिसे पहले ग्राउंड-बेस्ड स्ट्रैटेजिक डिटरेंट (जीबीएसडी) के नाम से जाना जाता था। यह मौजूदा मिनटमैन तृतीय आईसीबीएम की पूरी तरह से जगह ले लेगा। तैनाती के लिए उनकी कुल संख्या 400 पर अपरिवर्तित रहेगी, साथ ही वायु सेना की ओर से निरंतर परीक्षणों के लिए 259 मिसाइलों का उपयोग किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2025 के लिए, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने सेंटिनल, अनुसंधान और विकास के लिए 3.7 अरब डॉलर का अनुरोध किया है।”
रिपोर्ट के मुताबिक, सेंटिनल को 2030 के दशक में सेवा में आने की उम्मीद है और 2070 के दशक तक तैनात किया जाएगा। फाउंडेशन के अनुसार, आईसीबीएम के विकास की कुल लागत पहले अनुमान से 81 प्रतिशत अधिक हो चुकी है और इसकी राशि 140 अरब डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है।
रोसकॉन्ग्रेस ने कहा “ 2030 के दशक से शुरू होकर, बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस ओहियो पनडुब्बियों को कोलंबिया परमाणु मिसाइल वाहकों से बदल दिया जाएगा। 2025 के लिए अपने बजट अनुरोध में, अमेरिकी नौसेना ने कोलंबिया श्रेणी की पनडुब्बी के लिए 9.9 अरब डॉलर शामिल किए।”
नयी पनडुब्बियों को ट्राइडेंट द्वितीय पनडुब्बी मिसाइलों से लैस किए जाने की उम्मीद है, जो कोलंबिया की तैनाती के दौरान सेवाक्षमता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए जीवन विस्तार के दूसरे चरण को पूरा करेगी। ट्राइडेंट के डी5एलई और डी5एलई2 जीवन-विस्तारित संस्करणों का आधुनिकीकरण नौसेना के 2025 के बजट अनुरोध में शामिल है, जिसकी अनुमानित लागत 2.5 अरब डॉलर है।
श्रद्धा,सोनिया
वार्ता