नयी दिल्ली, 18 अक्टूबर (वार्ता) मनोरंजन चैनलों में से एक सोनी बीबीसी अर्थ ‘मैमल्स’ साेमवार को प्रीमियर करने जा रहा है। यह प्रीमियर मैमल्स लेजेंडरी सर डेविड एटनबरो द्वारा वर्णित एक पथ-प्रदर्शक सीरीज पर आधारित है। छह भागों वाली यह सीरीज दर्शकों को स्तनपायी जानवरों की असाधारण दुनिया की सैर कराती है।
सर डेविड एटनबरो की वर्णित मैमल्स छह भागों वाली सीरीज है जो दर्शकों को पूरे विश्व की रोमांचक यात्रा पर ले जाती है। इस सीरीज में स्तनपायी प्राणियों के जीवन की अविश्वसनीय विविधता को दिखाया गया है। इस सीरीज में अफ्रीका के आलीशान हाथियों से लेकर हिमालय के मायावी हिम तेंदुओं और महासागर की गहराइयों से लेकर बर्फीले टुंड्रा तक, विभिन्न प्रजातियों की एक आकर्षक श्रृंखला प्रस्तुत की गयी है, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अनूठी कहानी है।
मैमल्स का प्रीमियर 21 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे और रात नौ बजे केवल सोनी बीबीसी अर्थ पर होगा। इसमें इन जानवरों के विविधतापूर्ण व्यवहारों, अनुकूलनशीलता और हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर रोशनी डालते हुये, तेजी से बदलती पृथ्वी के बारे में विस्तार से दिखाया गया है।
सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (एसपीएनआई) हिंदी मूवीज, इंग्लिश, बंगाली, मराठी, इंफोटेनमेंट चैनल्स बिजनेस हेड और चीफ मार्केटिंग ऑफिसर (सीएमओ), तुषार शाह ने कहा, “हम सोनी बीबीसी अर्थ पर स्तनपायी जंतुओं की एक आकर्षक सीरीज पेश करने के लिये उत्साहित हैं, जो जानवरों के साम्राज्य की असाधारण दुनिया की खोज करती है। यह शो स्तनपायी प्राणियों के फिर से उठ खड़े होने की क्षमता, बुद्धिमत्ता और सरलता को दर्शाता है, साथ ही तेजी से बदलते पर्यावरण में उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डालता है। असाधारण सामग्री देने के लिये हमारी प्रतिबद्धता मजबूत है, और हम अपने दर्शकों को इसके माध्यम से सबसे बढि़या अनुभव देने के लिए समर्पित हैं।”
मैमल्स के एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर रोजर वेब, “ मैं ओरिजनल लाइफ ऑफ़ मैमल्स सीरीज़ का बहुत बड़ा प्रशंसक था। यह 20 वर्ष पहले की बात है और तब से आज तक के समय में बहुत कुछ बदल गया है। मुझे लगा कि आज स्तनपायी प्राणियों के बारे में एक कहानी बताई जानी चाहिए कि वे किस प्रकार हमारे और दुनिया में हो रहे सभी बदलावों के अनुकूल हो रहे हैं। एपिसोड के माध्यम से, हमने इस अनुकूलनशीलता और लगभग किसी भी स्थिति और पर्यावरणीय स्थिति से निपटने की उनकी क्षमता का पता लगाया। इस सीरीज में इस तथ्य को दर्शाया गया है कि स्तनपायी जंतु पृथ्वी पर सबसे ठंडे और सबसे गर्म स्थानों पर रह सकते हैं, और वे सागरों में एक मील से भी अधिक गहराई तक जा सकते हैं। ”
उप्रेती.श्रवण
वार्ता