राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Apr 5 2025 6:56PM बाल विवाह रोकने के लिए अलर्ट रहें अधिकारी : नगराधीशसिरसा, 05 अप्रैल (वार्ता) हरियाणा में सिरसा के नगराधीश यश मलिक ने कहा कि आगामी 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया (आखा तीज) के अवसर पर शादियों के दौरान बाल विवाह होने की भी आशंका बनी रहती है, इसलिए सभी संबंधित विभाग यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बाल विवाह न हो। श्री मलिक ने कहा कि अक्षय तृतीया के अवसर पर शादियों का ज्यादा आयोजन किया जाता है। आखा तीज को अनबुझ साहवा यानि कि कोई भी शादी समारोह का आयोजन कर सकता है। इस दौरान बाल विवाह होने की भी आशंका बनी रहती है, इसलिए सभी संबंधित विभाग यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बाल विवाह न हो। बाल विवाह को लेकर गांव, वार्ड, खंड स्तर पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाए। अगर आमजन को बाल विवाह से संबंधित कोई सूचना मिलती है तो वे भी जिला प्रशासन को सूचित करें।श्री मलिक विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरूआत की है। इस अभियान का उद्देश्य है कि लड़कियों को शिक्षा, हुनर और आत्मनिर्भर बनने का मौका दिया जाए ताकि वे अपने हक के लिए आवाज उठा सकें। जब लड़कियों को कानून की जानकारी होगी, तो वे बाल विवाह के खिलाफ खड़ी हो सकेंगी।नगराधीश ने कहा कि अक्षय तृतीया जैसे अवसरों पर बिना सही जानकारी के कई विवाह हो जाते हैं, जिनमें बाल विवाह भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि स्कूल छोड़ चुके बच्चों को दोबारा स्कूल से जोड़ा जाए और अगर कोई बच्चा स्कूल नहीं आ रहा है, तो उसके कारण का पता लगाया जाए। अगर उसकी शादी की योजना हो रही हो, तो तुरंत बाल विवाह निषेध अधिकारी को सूचना दी जाए।उन्होंने सभी आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स को अपने-अपने क्षेत्रों में सतर्क रहने के निर्देश दिए। वहीं गांव के सरपंचों को भी बाल विवाह रोकने और लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी दी गई।बाल विवाह निषेध अधिकारी रेखा अग्रवाल ने बताया कि आज के समय में भी कई जगहों पर बाल विवाह के मामले सामने आते हैं। समय से पहले विवाह होने से लड़कियों की पढ़ाई, स्वास्थ्य और भविष्य पर बुरा असर पड़ता है। सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2047 तक भारत को पूरी तरह बाल विवाह मुक्त बनाया जाए, लेकिन यह काम तभी संभव होगा जब सभी लोग मिलकर इसमें सहयोग करें।उन्होंने बताया कि सरकार ने चाइल्ड मैरिज फ्री इंडिया पोर्टल शुरू किया है, जहां कोई भी व्यक्ति बाल विवाह की जानकारी गोपनीय तरीके से दे सकता है। शिकायत मिलते ही तुरंत कार्रवाई की जाती है। पंचायत प्रतिनिधियों को भी इस बारे में जागरूक किया गया है और समय-समय पर विशेष अभियान चलाए जाते हैं ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके।बाल विवाह निषेध अधिकारी रेखा अग्रवाल ने कहा कि उम्र के प्रमाण के लिए आधार कार्ड मान्य नहीं है। केवल जन्म प्रमाण पत्र या 10वीं की मार्कशीट ही मान्य दस्तावेज माने जाएंगे। उन्होंने कहा कि विवाह से पहले दूल्हा-दुल्हन की उम्र जरूर जांचें। केवल तभी शादी कराई जाए जब लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की उम्र 21 साल या उससे अधिक हो।महिला एवं बाल विकास विभाग की डिप्टी डायरेक्टर दर्शना सिंह ने बताया कि बाल विवाह की सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। कोई भी व्यक्ति अपने नजदीकी आंगनवाड़ी वर्कर, सुपरवाइज़र, सीडीपीओ, थाना या चौकी में जाकर या 1098, 112, 181 या 8814011719 नंबर पर कॉल करके सूचना दे सकता है। यह सूचना पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।बैठक में बाल कल्याण समिति की चेयरपर्सन अनीता सहित योगेश, वंदना मोंगा, अनिल, मनदीप, संदीप, गुरप्रीत और अमित समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल थे।सं.संजयवार्ता