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आईजीएल बोर्ड ने अक्षय ऊर्जा उद्यम को दी मंजूरी

आईजीएल बोर्ड ने अक्षय ऊर्जा उद्यम को दी मंजूरी

नयी दिल्ली, 31 मार्च, (वार्ता )अपनी सतत ऊर्जा यात्रा की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाते हुए, देश की सबसे बड़ी सीएनजी वितरण कंपनी इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) के निदेशक मंडल ने राजस्थान में एक सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना को मंजूरी दे दी है।

आईजीएल ने सोमवार को यहां बताया कि यह रणनीतिक पहल आईजीएल के अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने और अपने नेट जीरो लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तन का नेतृत्व करने के मिशन के साथ सहज रूप से संरेखित है। अक्षय ऊर्जा के सर्वोपरि महत्व को पहचानते हुए, कंपनी ने हाल ही में शुरू की गई अपनी विविधीकरण रणनीति में औपचारिक रूप से अक्षय ऊर्जा को एक महत्वपूर्ण व्यवसाय खंड के रूप में पहचाना है।

राजस्थान सरकार द्वारा संचालित राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड ( आरवीयूएनएल) के साथ साझेदारी में बीकानेर जिले में 500 एम डब्ल्यू पी का ग्रीनफील्ड सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव है। यह परियोजना एक संयुक्त उद्यम (जेवी) कंपनी के माध्यम से क्रियान्वित की जाएगी, जिसमें आईजीएल की 74 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जबकि आरवीयूएनएल 26प्रतिशत हिस्सेदारी बनाए रखेगी। आरवीयूएनएल अपने आगामी सौर पार्क में संयुक्त उद्यम को भूमि उपलब्ध कराएगा और निर्बाध बिजली निकासी की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे परियोजना का कुशल और सुव्यवस्थित निष्पादन सुनिश्चित होगा और भारत के स्वच्छ ऊर्जा परिदृश्य में कंपनी के योगदान को और बढ़ाया जा सकेगा। 2066 करोड़ रुपये के अनुमानित पूंजी परिव्यय के साथ, परियोजना को ऋण और इक्विटी के मिश्रण के माध्यम से वित्तपोषित किया जाएगा और संयुक्त उद्यम के औपचारिक रूप से 18 महीने के भीतर पूरा होने की उम्मीद है।

आरवीएनयूएल बोर्ड की मंजूरी के बाद, संयुक्त उद्यम समझौते में प्रवेश करने का प्रस्ताव पहले से ही राजस्थान राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के अधीन है, जिसकी बैठक जल्द ही होने की उम्मीद है। मंजूरी मिलने के बाद, संयुक्त उद्यम का गठन और परियोजना कार्यान्वयन गतिविधियाँ शुरू हो जाएँगी।

अक्षय ऊर्जा में यह कदम अगले 2 से 4 वर्षों के भीतर एक मजबूत एक गीगावाट अक्षय ऊर्जा पोर्टफोलियो बनाने के आईजीएल के दृढ़ दृष्टिकोण को रेखांकित करता है। रणनीतिक साझेदारी का लाभ उठाकर और संधारणीय प्रौद्योगिकियों में निवेश करके, आईजीएल भारत में ऊर्जा प्रतिमान को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार है, जिससे देश की हरित और अधिक लचीले भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता को बल मिलेगा।

शेखर अशोक

वार्ता